अब संपत्ति की जांच में जुटा आवास विकास

नही कराया सत्यापन तो नीलाम होगा आवास

Meerut . आवास विकास के रिश्वत प्रकरण में अब संबंधित आवास के कब्जा धारक जांच के दायरे में आ गए हैं. मामला संज्ञान में आने पर आवास विकास ने अब आवास की वर्तमान स्थिति की जांच शुरु कर दी है. इसके तहत आवास में पिछले 10 साल से रह रहे विद्युत विभाग के कैशियर को संपत्ति संबंधी जानकारी के लिए नोटिस जारी किया गया है.

विद्युत विभाग के कैशियर का कब्जा

दरअसल आवास विकास कार्यालय के बाबू द्वारा जागृति विहार स्थित एक संपत्ति को बेनामी ना घोषित करने के एवज में प्रॉपर्टी डीलर से 25 लाख की रिश्वत मांगी गई थी. इस बात का ऑडियो जारी होने के बाद आरोपी बाबू को जेल भेज दिया गया था. अब आवास विकास इस संपत्ति को नीलाम करने से पहले उस आवास में पिछले 10 साल से रह रहे विद्युत विभाग के कैशियर से आवास खरीद या बैनामे के कागजों के सत्यापन में जुट गई है. आवास विकास का कहना है कि संपत्ति पर अवैध कब्जा है जबकि कैशियर का कहना है कि उसने यह मकान सेकेंड पार्टी से खरीदा है.

असली मालिक की तलाश

आवास विकास के मुताबिक इस आवास को साल 1990 में नेपाल सिंह को अलॉट किया गया था, लेकिन कुछ सालों बाद से ही नेपाल सिंह गायब हो गया था. अब आवास विकास इस संपत्ति को बेनामी मानकर नीलाम करने में जुटा है. जबकि इस मकान को बेनामी करने के बजाए मुकेश नाम के प्रॉपटी्र डीलर ने अपने नाम करने के लिए रिश्वत की पेशकश की थी. ऐसे में मकान मे रहने वाले दीपक नाम के कैशियर का भी ऑडियो में जिक्र किया गया था.

संपत्ति की जांच के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है. यदि संपत्ति खरीदी गई थी कागजात का सत्यापन करा लें नही तो संपत्ति नीलाम की जाएगी और अवैध कब्जा करने पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा.

- नरेश बाबू, संपत्ति अधिकारी