PATNA : राजधानी में होर्डिग्स लगाने में अब निजी कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी। प्रत्येक होर्डिग में नगर निगम का हस्तक्षेप होगा और उसकी डिजायनिंग नगर निगम ही करेगा। नगर निगम तय करेगा कि किस एरिया में किस साइज का होर्डिंग लगाया जाए और उसका शुल्क क्या निर्धारित हो। साथ ही एक एरिया में एक ही डिजाइन के होर्डिग्स को अनुमति दी जाएगी। इसके लिए नगर निगम ने नगर विकास विभाग के पास प्रस्ताव भेजा है। जिसमें पटना नगर निगम ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि होर्डिग्स के डिजाइन में निगम का सीधा हस्तक्षेप हो। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव पर नगर विकास विभाग की मुहर लगी तो होर्डिग्स लगाने के मामले में भी नगर निगम का हस्तक्षेप कम नहीं होगा।

5 साल के लिए होगी अनुमति

अभीतक नगर निगम में यह प्रावधान था कि किसी भी होर्डिग के लिए निजी एजेंसियों को साइज और लोकेशन के आधार पर आवेदन करना पड़ता था। जिसके लिए शुल्क निर्धारित थी। इसके बाद हरसाल रिन्यूवल शुल्क भी भुगतान करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

निगम ने नगर विकास विभाग को भेजे गए अपने प्रस्ताव में कहा है कि हर साल

रेन्यूवल की झंझट से छुटकारा देते हुए निजी एजेंसियों से इकट्ठा पांच साल के लिए शुल्क निर्धारित कर लिया जाएगा। यह शुल्क होर्डिग्स साइज, सड़क और लोकेशन के आधार पर लिया जाएगा।

इस तर्ज पर होंगे होर्डिग्स

शहरी क्षेत्र में लगाए जाने वाले होर्डिग्स जोधपुर और जयपुर की तर्ज पर लगाए जाएंगे। दरअसल, देश के इन दोनों बड़े महानगरों में होर्डिग्स एक लोकेशन में एक ही साइज और डिजायन के आधार पर लगाए गए हैं। निगम ने इन्हीं दोनों शहरों की तर्ज पर पटना में भी होर्डिग्स डिजायन करवाने का फैसला लिया है।

नियम विरुद्ध लगाए जा रहे थे होर्डिग्स

पटना में होर्डिग लगाने के मामले में अभीतक मनमानी चल रही थी। निजी कंपनियों द्वारा नियमों का ताक पर रखकर भारी-भरकम होर्डिग्स लगा दिए जा रहे थे। जिसकी वजह से बाजार और चौराहों पर हर समय हादसे की संभावना बनी रहती थी। साथ ही निगम को हरसाल करोड़ों रुपएका राजस्व भी चूना लगाया जा रहा था। निजी एजेसियां कॉमर्शियल घरानों से होर्डिग्स लगाने के लिए लाखों की कमाई कर रही थीं लेकिन निगम को किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं दिया जा रहा था।