-सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे मिलेगी सुविधा

-बिलिंग कर्मचारियों के हड़ताल का निकाला उपाय

GORAKHPUR: शहर के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। अपना बिल जनरेट कराने के लिए उपभोक्ताओं को किसी कर्मचारी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उपभोक्ता खुद काउंटर पर पहुंचकर बिल बनवाकर बकायेदारी का भुगतान करा सकेंगे। बिजली निगम की ओर से शुरू की गई सुविधा को लेकर उपभोक्ता असमंजस में पड़े हैं। खुद रीडिंग बताकर बिल बनवाने की सुविधा बाद में कहीं गले की फांस न बन जाए। इस डर से तमाम उपभोक्ता बिल बनवाने से परहेज कर रहे हैं। बिजली अधिकारियों का कहना है कि गलत रीडिंग बनाने पर प्रॉब्लम आ सकती है। उपभोक्ता की चोरी पकड़ने के लिए अचानक जांच पड़ताल की जाएगी।

हड़ताल पर बिलिंग कंपनी के कर्मचारी

शहर में बिजली का बिल बनाने का जिम्मा प्राइवेट फर्म को दिया गया है। बिलिंग कर्मचारियों की गड़बड़ी से उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ रहा था। शिकायत सामने आने पर बिजली निगम से फर्म का कामकाज दूसरी कंपनी को देने का फैसला लिया। तभी से बिलिंग कंपनी के कर्मचारियों के बीच उथल-पुथल मची है। वेतन संबंधी मांगों को लेकर फर्म के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इससे शहर में उपभोक्ताओं का बिल नहीं बन सका। लोग मीटर रीडिंग के लिए दफ्तरों का चक्कर लगाते रह गए। बिना बिल जनरेट हुए उपभोक्ता अपना पैसा भी नहीं जमा कर सके। इस वजह से एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं की जेब पर बिल भारी पड़ गया। उपभोक्ताओं की समस्याओं को देखते हुए निगम की ओर से नई व्यवस्था शुरू की गई है।

काउंटर पर बताएं रीडिंग, जमा कराए बिल

बिजली निगम की ओर से यह सुविधा दी गई है कि उपभोक्ता खुद अपना बिल तैयार करा सकेंगे। अपने परिसर में लगे मीटर की रीडिंग बताकर उपभोक्ता बिल बनवा लेंगे। तत्काल ही बकाए का भुगतान भी करा दिया जाएगा। बिजली अधिकारियों का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। उनको बिल के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

मीटर री-स्टोर होने का सता रहा डर

बिजली निगम की व्यवस्था से उपभोक्ता संशय में हैं। उपभोक्ताओं को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं रुपए जमा करने के बाद भी प्रॉब्लम न बढ़ जाए। शहर में कई ऐसे उपभोक्ता हैं, जो खुद रीडिंग बताकर बिल बनवाते थे। सारा पैसा जमा कराने के बावजूद उपभोक्ताओं को अलग से बिल भेज दिया गया। इस वजह से उनको परेशानी उठानी पड़ी। एयरफोर्स के रिटायर कर्मचारी रामेश्वरदत्त के घर मीटर रीडर नहीं पहुंचते थे। वह खुद ही रीडिंग बताकर बिल बनवा लेते थे। मार्च में उनको दो लाख 39 हजार रुपए का बिल मिला तो वे परेशान हो गए। शिकायत करने पर किसी ने संज्ञान नहीं लिया तो वह कोर्ट चले गए। उनके अलावा करीब दो हजार उपभोक्ता बिल सुधार के लिए चक्कर काट रहे हैं।

वर्जन

मीटर रीडिंग का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। उपभोक्ताओं की समस्या को देखते हुए यह व्यवस्था की गई है। उपभोक्ता अपने खंड और उपखंड कार्यालय में कार्य दिवस के दौरान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक बिल बनवाकर पैसा जमा करा सकते हैं। जांच में किसी तरह की गड़बड़ी पकड़े जाने पर उपभोक्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एके सिंह, एसई, विद्युत नगरीय वितरण मंडल