28 साल बाद नींद से जागे अफसर तो व्यापारियों की नींद उड़ी

अब ध्वस्तीकरण ही अंतिम रास्ता

- अधिकारियों के भ्रष्टाचार के चलते 28 साल से नही हुई कार्रवाई

- 4 लाख की आबादी पर मात्र एक वैध मार्केट को दी थी अनुमति

मेरठ। पिछले 28 साल से सेंट्रल मार्केट दिनों दिन बढ़ रहा है। लेकिन आवास विकास ने न तो इसे रोकने का प्रयास किया और न ही अवैध दुकानों को वैध करने की कोशिश की। अब यह बाजार शास्त्रीनगर, जागृति विहार, जयदेवीनगर आदि दर्जनों कालोनियों के लाखों लोगों की पसंद बन चुका है। रोजाना हजारों की संख्या में लोग यहां से जरुरतों की चीजें खरीदते हैं।

1989 में शुरुआत

989 में शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में मात्र छह दुकानों के साथ छोटे से बाजार की शुरुआत हुई थी। इनमें सबसे पहले अनिल रेस्टोरेंट, आरएस स्टेशनरी, बॉनटैक्स फर्निसिंग, क्रॉउन बेकरी, डॉ। संजय गोयल क्लीनिक, यस सर गारमेंट्स दुकान प्रमुख थी। इन दुकानों के बाद धीरे-धीरे ऑन रोड घरों में दुकाने बनने का सिलसिला शुरु हो गया।

1992 में मिली दुकानें

992-93 में आवास विकास ने शास्त्रीनगर में करीब 25 दुकानों को बनाकर दिया। इन दुकानों के साथ पार्किंग एरिया भी मुहैया कराया गया, लेकिन इतने बढे़ क्षेत्र में इन 25 दुकानों के छोटे से बाजार से घरों में दुकानों का दायरा बढ़ने लगा।

777 से अधिक दुकानें

सेंट्रल मार्केट में आज करीब 777 से अधिक दुकानें हैं जो शास्त्रीनगर सेक्टर 2, 5 और 6 तक में फैली हुई हैं। आवास विकास के अनुसार सेंट्रल मार्केट में करीब 56 से 60 दुकानें की वैध हैं। बाकि सब मानकों को ताक पर रखकर अवैध बनी हुई हैं।

जमीन के दाम बढ़े

शास्त्रीनगर में तेजी से डेवलेप हुए बाजार ने इस क्षेत्र की जमीन के दामों में भी इजाफा शुरु कर दिया। हालत यह है कि 1989 में 165 रुपए प्रति वर्ग मीटर के रेट से जमीन का दाम बढ़कर आज 65 हजार रुपए पहुंच गया है।

अब जागा आवास विकास

सेंट्रल मार्केट बनने के करीब 24 साल बाद 2013 सितंबर में पहली बार आवास विकास ने सेंट्रल मार्केट में अवैध दुकानों के बाजार को संज्ञान में लेते हुए सेक्टर 6 के प्लाट संख्या 661 पर ध्वस्तिकरण का नोटिस जारी किया था। पुलिस प्रशासन के सहयोग इस इस प्लॉट में बनी दो दुकानों को ढहाने की तैयारी कर ली गई थी। लेकिन व्यापारियों ने कोर्ट से इस मामले में स्टे ले लिया और बवाल थम गया।

2017 में दोबारा उठा मुददा

पहले नोटिस पर स्टे आने के बाद गत माह एक आरटीआई से दोबारा सेंट्रल मॉर्केट का मुददा उठ गया। इस आरटीआई में सेक्टर 6 के प्लॉट नंबर 661 पर स्टे ना होने का मुददा उठाया गया। इसके बाद इस प्लॉट को ध्वस्त करने का कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया।

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मुख्यमंत्री से मिलेंगे

आवास विकास द्वारा अचानक हो रही इस कार्यवाही से सेंट्रल मार्केट के सैकडों व्यापारी सड़कों पर आ गए हैं। व्यापारियों ने कमिश्नर से लेकर मुख्यमंत्री तक जाने का मन बना लिया है। यदि वहां भी राहत नही मिली तो व्यापारी बंद से लेकर आत्मदाह कर अपना विरोध प्रकट करेंगे। इस संबंध में सोमवार को भी सेंट्रल मार्केट में व्यापारियों ने बैठक का आयोजन कर अपनी रणनीति तैयार की। व्यापारियों ने सेंट्रल मार्केट को बसाने वाले आवास विकास के अधिकारियों पर भी कार्यवाही की मांग की है। बैठक में सेंट्रल मार्केट एसोसिएशन अध्यक्ष किशोर वाधवा समेत विनोद अरोड़ा, राजेंद्र बडजात्या, सुशील शर्मा, सुभाष सिंघल, राजीव राजवंशी, रजत गोयल आदि शामिल रहे।

कोटस-

सेंट्रल मार्केट से सैकडों परिवारों का घर पलता है। व्यापारी वर्ग चाहता है कि इस बाजार को किसी भी तरह से नियमित किया जाए। व्यापारी शमन शुल्क से लेकर हर तरह का भुगतान करने को तैयार है, लेकिन ध्वस्तीकरण नही होने दिया जाएगा।

- किशोर वाधवा

बाजार कोई एक दिन या एक रात में नही बसा सालों से बस रहा है। आवास विकास के पूर्व अधिकारियों की शह पर बाजार को विकसित होने दिया गया। यदि बाजार अवैध है तो उन अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।

- विनोद अरोड़ा

बाजार की सभी दुकाने उनका बिजली के मीटर से लेकर जीएसटी में रजिस्ट्रेशन तक कामर्शियल है। ऐसे में दुकानों को रजिस्टर्ड क्यों किया गया, इसकी भी जांच होनी चाहिए। जिन अधिकारियों ने किया उन पर कार्यवाही हो।

- सुभाष सिंघल

दुकानों पर रात के समय नोटिस चस्पा कर दिया गया। यह बाजार हजारों लोगों की जरुरतों को पूरा करता है। इसलिए बाजार को वैध करार करने का कोई रास्ता देना चाहिए।

- राजीव राजवंशी

आवास विकास के अधिकारियों की शह पर केवल शास्त्रीनगर में ही नही बल्कि जागृति विहार, माधवपुरम, मंगलपांडे नगर योजनाओं में अवैध बाजार विकसित है। उन सब बाजारों को बसने देने वाले अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो।

- रजत गोयल

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अन्य बाजारों के फोटो लगाकर वर्जन

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती। धवस्तीकरण की कार्रवाई तय है। इसके बाद मंगलपांडे नगर, जागृति विहार और माधवपुरम पर भी कार्रवाई की जाएगी।

-डीके गुप्ता, अधिशासी अभियंता

खंड पांच, आवास विकास परिषद