- भूकम्प के दौरान कई हाईराइज बिल्डिंग्स में आई दरार
-हिलती-डुलती हाईराइज बिल्डिंग में फंसे लोगो की जान अटक कर रह गई थी
- लोग हाईराइज बिल्डिंग में फ्लैट की बजाए जमीन लेकर घर बनाने को बेहतर समझ रहे
vishnu.tiwari@inext.co.in
KANPUR: आने वाले समय में भूकंप के जोरदार झटकों के साइड इफेक्ट का सामना रियल इस्टेट को करना पड़ सकता है. दो दिनों तक भूचाल के झटकों से कानपुराइट्स में हाईराइज बिल्डिंग्स को लेकर अजीब से दहशत छा गई है. वे हाईराइज बिल्डिंग्स की जगह अब जमीन लेकर अपना आशियाना सजाना बेहतर मानने लगे है. इससे जमीन की कीमतें और बढ़ने तथा हाईराइज बिल्डिंग्स में स्थित फ्लैट्स की डिमांड घटने के आसार हो गए हैं. इससे ग्रुप हाउसिंग के प्रोजेक्ट्स की रफ्तार भी स्लो हो जाने के कयास लग रहे हैं.
हाईराइज बिल्डिंग्स में दरार पड़ी
सैटरडे की सुबह भूकंप के जोरदार झटकों ने कानपुर को हिलाकर रख दिया. शहर की छोटी-बड़ी इमारतें डोलने लगी. पर भूकंप का सबसे ज्यादा असर हाईराइज बिल्डिंग्स में नजर आया है. हाईराइज बिल्डिंग में मौजूद लोग बिल्डिंग को डोलती देख कांप गए. भूकम्प के बीच हिलती-डोलती हाईराइज बिल्डिंग से नीचे आने का वाक्या याद कर उनकी रूंह कांप जाती है. उनमें एक अभी भी अजीब सी दहशत साफ नजर आती है. भूकम्प के झटकों से मल्टीस्टोरी बिल्डिंग सृष्टि, सृष्टि कल्पना के अलावा रूपम, दर्शनपुरवा आदि क्षेत्रों में स्थित बिल्डिंग्स में दरारें भी आ गई हैं.
डरे, सहमें हैं लोग
ये सब हालात देखकर लोगों में हाईराइज बिल्डिंग्स में फ्लैट्स को लेकर एक अजीब सा डर सताने लगा है. वे जमीन लेकर अब अपना छोटा सा ही घर ही सेफ मानने लगे है. लोगो का कहना है कि भले ही भूकम्प के झटके इन घरों में भी लगेंगे. पर कम से कम भूकम्प के बीच जान हथेली पर लेकर हिलती-डुलती बिल्डिंग से भागना तो नहीं पड़ेगा. वैसे भी मल्टीस्टोरी में दरार आने से इनमें रहने वाले अभी परेशान है. उन्होंने समझ में नहीं आ रहा है बिल्डिंग सेफ रह गई है या नहीं है. कोई टेस्टिंग करके इसकी सही जानकारी देने वाला भी नजर नहीं आ रहा है.
तन रही हाईराइज बिल्डिंग्स
इस समय सबसे अधिक रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट्स कल्याणपुर-बिठूर रोड, मैनावती मार्ग, कल्याणपुर आदि एरिया में चल रहे हैं. एक के बाद एक हाईराइज बिल्डिंग्स बन रही है. फिलहाल सबसे अधिक फ्लैट भी कल्याणपुर-बिठूर रोड, कल्याणपुर, मैनावती मार्ग, कल्याणपुर के आसपास ही उपलब्ध है. इनमें ख्,फ् व ब् बीएचके फ्लैट, विला, डुप्लेक्स भी शामिल हैं. ये ख्ब्00 रुपए से लेकर फ्म्00 रुपए पर स्क्वॉयर फिट बिल्ट अप एरिया रेट पर उपलब्ध है. जिस तरह इन एरियाज में मल्टीस्टोरी बन रही है, उससे आने वाले समय में भी यहां हजारों की संख्या में फ्लैट तैयार हो जाने के आसार है. कुछ यही हाल इन्द्रानगर व आसपास एरिया में हैं. जहां ख्00 के लगभग फ्लैट आपके स्वागत के लिए तैयार है. ये फ्फ्00 से लेकर फ्700 रुपए पर स्क्वॉयर फिट बिल्ट अप एरिया पर मिल सकते है. है. आजाद नगर, केशवपुरम के आसपास उपलब्ध फ्लैट्स की कीमत फ्ख्00 से ब्.भ् हजार रुपए पर स्क्वॉयर फिट (बिल्ट अप एरिया) है. हालांकि दीवाली के बाद से रियल स्टेट मार्केट डाउन चल रही है. इसकी एक वजह केडीए के एक के बाद एक बहुमंजिला इमारतों का प्रोजेक्ट लाना है. पहले शासनादेश के तहत प्राइवेट डेवलपर्स के ही प्रोजेक्ट एलआईजी, ईडब्ल्यूएस फ्लैट और अब शताब्दी नगर में चार मंजिला इमारतों में 7फ्म्0 अफोर्डेबल हाउस. यही नहीं कुछ समय पहले ही केडीए बोर्ड में भ् मंजिला इमारतों में भ् हजार फ्लैट बनाए जाने का भी प्रपोजल पास हो चुका है.
सबसे अधिक ख् बीएचके
कुल मिलाकर प्राइवेट डेवलपर्स अगले फ्-ब् सालों में अपने प्रोजेक्ट्स में भ् हजार के लगभग फ्लैट लाने के दावे कर रहे थे. इसमें सबसे अधिक ख् बीएचके के फ्लैट मार्केट में उपलब्ध है. इनका एरिया क्000 से अधिक और क्ख्भ्0 स्क्वॉयर के बीच है. खास बात ये है कि एक ही प्रोजेक्ट में भी ख् बीएचके के फ्लैट कम से कम ब् बिल्ट अप एरिया तक में है. इसके पीछे बड़ी वजह मार्केट डाउन होना बताया जा रहा है. हालांकि बिल्डर्स की लामबन्दी के कारण फिर भी रेट कम नहीं हुए है. ये जरूर है कि लोगों को लंबे समय तक किश्तों में भी पेमेंट की सुविधा जरूर बिल्डर उपलब्ध उपलब्ध करा रहे हैं. वहीं शहर के पाश एरिया स्वरूप नगर, तिलक नगर, आर्य नगर, सिविल लाइन्स आदि एरियाज में फिलहाल 7.0 से क्क् हजार पर स्क्वॉयर फिट बिल्ट अप एरिया रेट बताए जा रहे हैं. साउथ सिटी के साकेत नगर, हंसपुरम, श्यामनगर, कृष्णा नगर, किदवई नगर, जाजमऊ साइड आदि एरिया में फ्लैट्स हैं. ये फ्लैट फ्.भ् हजार रुपए से ब्.0 रुपए पर स्क्वॉयर फिट(बिल्ट अप एरिया) के रेट पर मिल सकते हैं. हालांकि भूचाल के बाद अब उनके इस दावों को जोरदार झटका लग सकता है. क्योंकि भूकम्प के बाद लोगो को हाईराइज बिल्डिंग्स में फ्लैट्स के प्रति लोगो का रूझान कम होता जा रहा है.
फ्लैट के रेट
मैनावती मार्ग, कल्याणपुर-बिठूर रोड ख्ब्00 से फ्000
कल्याणपुर - फ्000 से फ्भ्00
इन्द्रा नगर- फ्फ्00 से फ्700
आजाद नगर- ब् से ब्.भ् हजार
केशवपुरम- फ्ख्00 से फ्800 हजार
काकादेव- ब्भ्00 से भ्भ्00
माडल टाउन, पांडु नगर- भ्भ्00
गोविन्द नगर रतन लाल नगर- फ्.भ् से भ् हजार
श्याम नगर, कृष्णा नगर - फ्.भ् हजार से ब्.ख् हजार
स्वरूप नगर, आर्य नगर, तिलक नगर- 7 से 8.भ् हजार
सिविल लाइन- 8 से क्क् हजार
(नोट- फ्लैट के रेट रुपए पर स्क्वॉयर फिट बिल्ट अप एरिया के हैं)
जमीन के रेट
मोहल्ला- सर्किल रेट (ए)-सर्किल रेट (बी)
आजाद नगर- ख्7,000- ख्9,000
आर्य नगर - भ्ख्,000- भ्ब्,000
अशोक नगर फ्फ्,000- फ्ब्,000
अवधपुरी- ख्भ्,000- ख्म्,000
उजियारीपुरवा- क्ख्,000- क्ब्,000
इन्द्रा नगर- ख्भ्,000- ख्म्,000
बैरी अकबपुर बांगर- क्8,000- क्9,000
बैरी अकबरपुर कछार-क्म्,000- क्7,000
विकास नगर- ख्8,000- ख्9,000
बिनुआपुर नौबस्ता- क्भ्,000- क्म्,000
बरसाईतपुर- क्ब्,000- क्भ्,000
विसायकपुर बांगर- क्8,000- ख्0,000
बिसायकपुर कछार- क्7,000- क्8,000
मदारपुर- क्ख्,000- क्भ्,000
मकड़ीखेड़ा- ख्क्,000- ख्ख्,000
मुखर्जी विहार- ख्क्,000- ख्ख्,000
लखनपुर- ख्7,000- ख्8,000
सुक्खापुरवा- क्फ्,000- क्भ्,000
हलवाखाड़ा- ख्ब्,000- ख्भ्,000
हर्ष नगर- फ्फ्,000- फ्म्,000
स्वरूप नगर- भ्ख्,000- भ्ब्,000
सिविल लाइन्स- फ्0,000- फ्ख्,000
ईश्वरीगंज- 8,000- 9,000
कटरी ख्यौरा- 9,000- क्0,000
कटरी ज्योरा नवाबगंज- क्क्,000- क्ख्,000
गम्भीरपुर कछार- 8,000- 9,000
परगही बांगर- क्0,000- क्क्,000
प्रतापपुर हरी- 7,भ्00- 8,000
बैकुंठपुर- क्0,000- क्क्,000
मालरोड- भ्0,म्00- म्0,भ्00
माहेश्वरी मोहाल- ख्8,म्00- फ्म्,भ्00
नोट- सर्किल रेट(ए) 9.क्भ् मी. से अधिक क्8.ख्9 मीटर तक चौड़ी रोड पर और रेट(बी) क्8.ख्9 मीटर से अधिक रोड पर स्थित जमीन के हैं. रेट रुपए पर स्क्वॉयर मीटर में हैं)
- अब तो ऊंची-ऊंची बिल्डिंग्स देखकर ही डर लगता है. ऐसे में तो जमीन लेकर घर बनवाना ठीक है. इसी में सेफ्टी है.- मो. एस. अंसारी
-भूकम्प ने आंखें खोल दी है. अपना मकान बनवाना ही ठीक है, वह भी भूकम्परोधी. अगर फ्लैट लेंगे तो पूरी तरह जांच-परखकर करेंगे कि भूकम्परोधी तकनीकि से बिल्डिंग बनी है कि नहीं.
-एसके मिश्रा
- मेरी नजर में जमीन लेकर मकान बनवाना और बनवाते समय सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना ही ज्यादा बेहतर है. - मनीषा श्रीवास्तव
-भूकम्प में हाईराइज बिल्डिंग्स में अधिक खतरा है, सिटी की कई बिल्डिंग में भूकम्प से दरार आ गई है. ऐसे में अपना घर बनवाना ही ठीक है.
- एएस यादव
भूकम्प से छोटी-बड़ी सभी बिल्डिंग हिली. पर अब अपार्टमेंट की अपेक्षा जमीन लेकर अपना घर बनवाना ही ठीक नजर आ रहा है.
-मोहित शुक्ला
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