चार की जगह अब 16 सामानों पर लगेगा ई-वे बिल

रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सरकार ने व्यापारियों को दिया 16 दिसंबर तक का समय

<चार की जगह अब 16 सामानों पर लगेगा ई-वे बिल

रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सरकार ने व्यापारियों को दिया 16 दिसंबर तक का समय

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद कही एक देश एक कर की बात बेमानी साबित हो रही है। अब एक देश एक कर के साथ स्टेट लेवल पर भी अलग-अलग व्यापारिक कानून लागू किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले यूपी में ई-वे बिल लागू किया गया। चार सामानों पर ई-वे बिल जेनरेट करना अनिवार्य किया गया था। अब इसका दायरा बढ़ाते हुए 16 अन्य सामानों को ई-वे बिल में शामिल कर लिए जाने से व्यापारी काफी परेशान हैं।

व्यापारियों में बढ़ रहा असंतोष

व्यापारियों की मानें तो केंद्र सरकार ने सेंट्रलाइज आनलाइन सुविधा देने का वादा किया था। फिर भी स्टेट लेवल पर अलग-अलग नियम लागू किए जा रहे हैं, जो कि गलत है। राज्य सरकारें नित नई नियम लागू करने में लगी हैं। इससे व्यापारी परेशान हैं। वह बताते हैं कि 16 दिसंबर से ई-वे बिल का दायरा बढ़ा दिया गया है। ऐसे में जो व्यापारी अभी तक ई-वे बिल सिस्टम से अलग थे, अब उन्हें भी ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

जानें संशोधित किए गए नियम

उलर प्रदेश माल और सेवा कर नियमावली 2017 के नियम 138 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार ने ई-वे बिल में संशोधन किया है। संशोधन के अनुसार प्रदेश के अंदर या फिर प्रदेश के बाहर कहीं भी 50 हजार रुपए या इससे अधिक मूल्य के चयनित 20 सामानों का परिवहन किए जाने पर जीएसटी मेंटेन करते हुए ई-वे बिल 02 जेनरेट कर उसकी कॉपी मॉल के साथ लगाना अनिवार्य होगा।

अभी तक ये सामान थे दायरे में

संशोधन के पूर्व यानी अभी तक मेंथा आयल मेंथाल डीएमओ, सुपाड़ी, लोहा-इस्पात व सभी प्रकार के खाद्य तेल व वनस्पति घी पर ई-वे बिल जेनरेट करना अनिवार्य किया गया था।

अब इन सामग्रियों पर भी जेनरेट करना होगा ई-वे बिल

प्रदेश सरकार ने जिन 16 नए सामानों को ई-वे बिल में शामिल किया है उसमें कोलतार, तारकोल, चारकोल, बिटुमिन, कोल और कोक सभी रूप में, मिट्टी निर्मित छत की टाइल खपरैल और नाली को छोड़ कर सभी प्रकार की टाइल्स व सभी प्रकार के कागज एवं जिसमें अखबारी कागज सम्मिलित हैं, मार्बल स्टोन, सिगरेट-सिगार, पान मसाला, खैनी, जर्दा, सुर्ती, अन्य निर्मित तम्बाकू और तम्बाकू उत्पाद, सभी प्रकार के लुब्रीकैंट, टायर और ट्यूब, कत्था, स्किम्ड मिल्क पाउडर, पेंट और वार्निश, सेनेटरी वेयर और फिटिंग, वुड और टिम्बर हैं। अब इन पर भी ई-वे बिल जेनरेट करना होगा।

केंद्र सरकार व्यवस्था नहीं दे पा रही है तो राज्य दे रही है। देश में एक कानून बनना था, तो ये एक कानून है कहां। उलर प्रदेश में ई-वे बिल लग गया। अन्य राज्यों में ई-वे बिल नहीं लगा है, तो फिर एक-देश एक कर कैसे कहा जा सकता है।

संतोष पनामा, संयोजक उलर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति

जीएसटी लागू होने के बाद अब तक किश्तों में एक दर्जन से अधिक नियम व्यापारियों पर लागू किए जा चुके हैं, जो गलत है। जब भी सुकुन के साथ व्यापारी व्यापार करने का प्रयास करता है, तब ही एक नया नियम लागू करके उसे परेशान कर दिया जाता है।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष, कैट

ई-वे बिल लागू करने का निर्णय स्टेट लेवल पर लिया गया है। जिसका पालन सभी व्यापारियों को करना है। 16 दिसंबर तक व्यापारियों को ई-वे बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

राम प्रसाद, असिस्टेंट कमिश्नर-ग्रेड 2