कुंभ मेला में प्रयागराज में हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में 25 करोड़ का बजट हुआ था आरक्षित

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PRAYAGRAJ: प्रयागराज का मुनि भारद्वाज आश्रम धार्मिक दृष्टि से वह स्थल है जहां पर प्रभु श्रीराम वनवास जाते समय आए थे और वनवास से लौटते समय भी रुके थे. प्रदेश सरकार ने इस धार्मिक स्थल के महत्व को पूरी दुनिया से रूबरू कराने के लिए रोड मैप तैयार किया है. इसकी भूमिका प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेला के दौरान ही पड़ी थी. पहली बार प्रयागराज में आयोजित हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में इसे विश्व स्तरीय स्थल बनाने के लिए 25 करोड़ रुपए का बजट अलग से आरक्षित किया जा चुका है.

डीपीआर बनाने का मिला निर्देश

प्रयागराज को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के उद्देश्य को लेकर मुनि भारद्वाज आश्रम को बड़ा धार्मिक केन्द्र बनाने की योजना बनाई गई है. इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है. इसके लिए लखनऊ स्थित पर्यटन मुख्यालय से मार्च महीने के पहले सप्ताह में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी प्रयागराज अनुपम श्रीवास्तव को आश्रम को विकसित करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

महत्वपूर्ण तथ्य

- पर्यटन विभाग की ओर से कुंभ मेला की अवधि में मुनि भारद्वाज आश्रम के परिसर में एलईडी लाइटिंग व परिसर के बाहर एक दर्जन स्थलों पर साइनेज लगाया गया था.

- मेला की अवधि में मुनि भारद्वाज की विशालकाय प्रतिमा इंदौर से मंगवाई गई थी. इसे बालसन चौराहे पर भारद्वाज पार्क के बगल में स्थापित किया गया है. अनावरण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया था.

- यह प्रतिमा दो करोड़ की लागत से इन्दौर के कलाकार महेन्द्र कोडवानी ने बनाई थी. जो तीस फीट ऊंची है और वजन 18 टन है.

- भारद्वाज आश्रम को धार्मिक केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए पहले चरण में बाउंड्री वॉल, पर्यटक सुविधा केन्द्र व अतिथि गृह बनाने की योजना है.

यूपी कैबिनेट की बैठक में मुनि भारद्वाज आश्रम को विश्वस्तरीय केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए 25 करोड़ का बजट आरक्षित किया गया था. विभाग के अधिकारियों के साथ आश्रम और उसके आसपास के एरिया का जल्द ही निरीक्षण किया जाएगा. इसके बाद डीपीआर शासन को भेजा जाएगा.

अनुपम श्रीवास्तव, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी