होम साइंस डिपार्टमेंट में आश्चर्यजनक काम
- मरम्मत के बाद भी टपकने लगी छत, फिर शुरू हुआ कार्य
GORAKHPUR: शैक्षणिक संसाधनों की कमी से जूझते स्टूडेंटस की चिंता छोड़ गोरखपुर विश्वविद्यालय का होम साइंस डिपार्टमेंट अपनी सुविधाओं का खासा ध्यान रख रहा है। पैसे का दुरुपयोग कैसे होता है यह विश्वविद्यालय में देखा जा सकता है। मरम्मत के नाम पर मिले पैसे से होम साइंस डिपार्टमेंट ने छत पर टाइल्स लगा दिया है। वहीं, मरम्मत कार्य होने के बाद भी छत पहली बारिश में ही टपकने लगी है।
अब मरम्मत कराने वाली फर्म आरईएस (ग्रामीण अभियंता विभाग) के जेई और ठेकेदार पर घपले का आरोप लगने लगा है। इस मामले में इस्पेक्शन के लिए जाने वाली टीम बड़ी कार्रवाई की बात कर रही है।
17 करोड़ का मिला है बजट
डीडीयूजीयू कैंपस के सभी विभाग के मरम्मत, ई-लाइब्रेरी, न्यू बाथरूम, न्यू लैब समेत हॉस्टल आदि की मरम्मत के लिए 20 करोड़ का बजट है। इसमें से 17 करोड़ यूनिवर्सिटी को मिल चुका है। सभी विभागों में कुछ न कुछ काम शुरू हो गया है।
लाखों रुपए बह रहे पानी में
ग्रामीण अभियंता विभाग (आरईएस) ने छत का मरम्मत कार्य और टाइल्स लगाने का कार्य पूरा किया है। आधे हिस्से में स्लोप वाले छत पर टाइल्स लगा है। जानकारों की मानें तो जो टाइल्स हेड ऑफ डिपार्टमेंट ने लगवाया है, वो बाथरूम या टॉयलेट में लगाए जाते हैं। छत पर टाइल्स लगाने का कोई औचित्य नहीं था।
रूसा से मिले बजट
-2 करोड़ 50 लाख में - सेंट्रल लाइब्रेरी की किताबें, कंप्यूटर व ई-लाइब्रेरी की सुविधा
- 1.5 करोड़- स्पोर्ट्स मद में खर्च
- 1 करोड़- कंप्यूटर के मार्डनाइजेशन
- 1 करोड़- लैब न्यू क्रिएशन एंड मैंटेनेंस
- 2 करोड़- न्यू बाथरूम व टायलेट
- 30 लाख- बाथरूम मरम्मत
- 2 करोड़- एकेडमिक व एडमिनिस्ट्रेशन भवन की मरम्मत
- 1.5 करोड़- हॉस्टल के टायलेट व बाथरूम मेंटेंस
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के मेंबर्स ने टाइल्स पर लगाई थी मंजूरी
-डीएसडब्लू - प्रो। रवि शंकर
-होमसाइंस डिपार्टमेंट की एचओडी - प्रो। दिव्या रानी सिंह
-मैथमैटिक्स डिपार्टमेंट के प्रो। विजय शंकर वर्मा
-वित्त अधिकारी- वीरेंद्र चौबे
-कुल सचिव - डॉ। ओमप्रकाश
-इंजीनियर - अनिरुद्ध सिंह
-रूसा को-आर्डिनेटर - प्रो। राजवंत राव
नोट - इन सभी सदस्यों ने मिलकर होम साइंस डिपार्टमेंट में मरम्मत व टाइल्स लगाने का लिया था निर्णय
वर्जन
होम साइंस डिपार्टमेंट में 48 लाख के बजट से मरम्मत कार्य और टाइल्स लगाने का कार्य हुआ है। मरम्मत के बाद भी छत से लिक की शिकायत आई है। उसको फिर से ठीक कराया जा रहा है। अभी तो फाइनल इंस्फेक्शन होना बाकी है। बजट का 75 प्रतिशत ही दिया गया है।
प्रो। राजवंत राव, को-आर्डिनेटर, रूसा, डीडीयूजीयू
वर्जन
आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। चूंकि मामला गंभीर है। खुद जाकर निरीक्षण करूंगा। गड़बड़ी करने वाले जेई और ठेकेदार से इस संबंध में जांच-पड़ताल कर पूछताछ की जाएगी।
डॉ। ओमप्रकाश, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू