- मेडिकल कॉलेज के बाद अब उर्सला व डफरिन हॉस्पिटल में भी बनेगी सोलर पैनल से बिजली

- दोनों से प्रतिदिन 2 हजार से ज्यादा यूनिट बिजली तैयार होगी, नेडा लगाएगा प्लांट

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यन्हृक्कक्त्र: मेडिकल कॉलेज के बाद अब उर्सला व डफरिन भी अपनी बनाई बिजली से जगमगाएंगे। इसके लिए दोनों अस्पतालों की छतों पर सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित किया जाएगा। नेडा की मदद से स्थापित किए जाने वाले रूफटॉप प्लांट से उर्सला व डफरिन न सिर्फ खुद के इस्तेमाल के लिए बिजली का प्रयोग करेंगे बल्कि केस्को को भी बेच सकेंगे। इससे पहले मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग में 450 किलोवॉट का रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किया जा चुका है।

नेडा की मदद से होगी स्थापना

डीएम सुरेंद्र सिंह की तरफ से उर्सला और डफरिन हॉस्पिटल में रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट स्थापित करने के लिए पहल करते हुए शासन को प्रस्ताव भिजवाया था। जिस पर सहमति बन गई। उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण डफरिन हॉस्पिटल में 151 किलो वॉट और उर्सला हॉस्पिटल में 200 किलोवॉट का रूफटॉप लोडर सिस्टम स्थापित करेगा। इस सिस्टम से पैदा होने वाली बिजली को केस्को को दिया जाएगा।

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अभी इन जगहों पर सोलर पॉवर प्लांट-

सेंट्रल स्टेशन, इलेक्ट्रिक लोको शेड, केडीए, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, केस्को एमडी ऑफिस

रोजाना होगा इतना बिजली उत्पादन

35 यूनिट- प्रतिदिन 5 किलोवॉट के सोलर पैनल से बिजली उत्पादन

1400 यूनिट- 200 किलोवॉट के सोलर पैनल सिस्टम से बिजली उत्पादन

1057 यूनिट- 151 किलोवॉट के सोलर पैनल से बिजली उत्पादन

किलोवाट से इतनी बिजली -

120 वॉट सोलर माडयूल से प्रतिदिन एक डीसी फैन, एक मोबाइल चार्जिग प्वाइंट, 3 वॉट के दो एलईडी बल्ब और 5 वॉट का एक एलईडी बल्ब लगातार 8 घंटे तक चल सकता है।

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वर्जन-

उर्सला में रूफटॉप सोलर प्लांट सिस्टम लगाने पर सहमति बनी है। नेडा इस प्लांट को उर्सला के इनडोर व आउटडोर ओपीडी की छत पर स्थापित करेगा।

- डॉ। शैलेंद्र तिवारी, सीएमएस, उर्सला हॉस्पिटल