- ओवरस्पीडिंग और टायर फटने से 24 प्रतिशत हादसे हुए

-60 प्रतिशत हादसों के कारण का नहीं हो सका खुलासा

आगरा.यमुना एक्सप्रेस के हादसों में कमी दिखने लगी है। वर्ष 2018 में मार्च तक हादसों की संख्या 108 थी, जियमें 19 लोगों की मौत हो गई, 258 लोग घायल हो गए। ये विगत वर्षों की तुलना में लगभग आधे हैं, जबकि घायलों की संख्या तीन चौथाई है। यह खुलासा एडीएफ के सचिव केसी जैन द्वारा येडा ये मांगी गई जानकारी में हुआ है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा भेजी गई जानकारी से हुआ है। सूचनाधिकार के तहत उपलब्ध जानकारी में यह भी बताया गया है कि 24 फीसदी हादसे ओवरस्पीडिंग और टायर फटने से हुए हैं, जबकि 60 फीसदी हादसों की जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।

हादसे में ज्यादा मौत होने के कारण का नहीं चल सका पता

येडा से प्राप्त जानकारी में बताया गया है कि वर्ष 2012 से मार्च 2018 तक 4,956 रोड एक्सीडेंट हुए , जिनमें से 1,161 हादसे अर्थात 23.42 प्रतिशत हादसे ओवरस्पीडिंग से हुए, जबकि 595 रोड एक्सीडेंट 12 प्रतिशत टायर फटने के कारण और 235 रोड एक्सीडेंट 4.74 प्रतिशत कोहरे के कारण रोड एक्सीडेंट हुए इसमें 2,965 रोड एक्सीडेंट 59.82 प्रतिशत अन्य कारणों से हुए। ये अन्य कारण कौन से थे। इनकी जानकारी नहीं हो सकी। ये हादसे किन कारणों से हुए इसकी जानकारी येडा के पास नहीं है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर तीन ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए गए हैं। इसमें ग्रेटर नोएडा से आने वाले यमुना एक्सप्रेस-वे पर 8.5 किमी। 15 किमी। व 61-62 किमी। चेनेज पर हैं। इसके लिए हादसों को कम करने के लिए रबंल स्ट्रिप लगाई गई है।