सरकार ने लागू किए नये नियम
वर्तमान नियमों में बदलाव करके सरकार ने डिजिटल रूप में हस्ताक्षर वाले विवाह और जन्म प्रमाणपत्र को विवाह और जन्म के वैध सबूत के तौर पर अनुमति भी दे दी है। नए दिशानिर्देशों में पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारियों को हर उस आवेदक के अनुरोध पर विचार करने का अधिकार दिया गया है जो जन्म की तारीख में परिवर्तन करवाना चाहता है। चाहे पासपोर्ट जारी हुए कितना भी वक्त क्यों ना हो गया हो। पहले के दिशानिर्देशों के तहत जन्मतिथि में परिवर्तन पासपोर्ट जारी करने के पांच साल के भीतर ही करवाया जा सकता था। यह पूरी प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल थी।
पहले की प्रक्रिया थी बहुत जटिल
इसमें बहुत सारा कागजी काम करना होता था। आवेदक द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों के आधार पर पीआईए के संतुष्ट होने पर संबंद्ध अधिकारी नई जन्मतिथि वाले पासपोर्ट जारी कर सकते हैं। मुख्य पासपोर्ट अधिकारी अरूण के चटर्जी ने बताया मामले की सत्यता को देखते हुए अधिकारी नए पासपोर्ट जारी कर सकते हैं। पासपोर्ट विदेश मंत्रालय जारी करता है। मंत्रालय ने पासपोर्ट जारी करने वाले प्राधिकारियों को डिजिटल हस्ताक्षर वाले विवाह प्रमाणपत्र एवं जन्म प्रमाणपत्र को क्रमश: विवाह तथा जन्म के वैध सबूत के तौर स्वीकार करने के लिए निर्देश पहले ही जारी कर चुका है।
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