इस प्रदर्शन के पीछे जहां पूरी टीम ने दिन रात मेहनत की है वहीं कप्तान नवरोज़ मंगल की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। टीम की कमान उन्हें साल 2007 में मिली लेकिन उसके बाद से टीम को जिस तरह से उन्होंने सफल नेतृत्व दिया है वो काबिले तारीफ़ है।

शुक्रवार को अफ़गानिस्तान की टीम पहली बार किसी टेस्ट खेलने वाली टीम से भिड़ेगी। पाकिस्तान से होने वाले इस मैच से पहले नवरोज़ मंगल ने बीबीसी से बात की।

आपकी टीम पहली बार किसी टेस्ट खेलने वाली टीम के साथ भिड़ रही है। कैसा महसूस कर रहे हैं आप?

ये हमारे लिए बड़ी ख़ुशी की बात है कि हमारी टीम इस काबिल है। इससे पहले हम टी20 में भी दक्षिण अफ़्रीका सरीखी टीमों के साथ खेलने का मौक़ा मिल चुका है। ये बड़ा दिन है कि हमारी टीम के लिए। अफ़गानिस्तान के सारे लोग हमें समर्थन दे रहे हैं। सभी को मैच का इंतज़ार है। पूरे मुल्क़ की दुआ है कि अफ़गानिस्तान जीत कर वापस लौटे

इस मैच में आपके सामने पाकिस्तान जैसी सशक्त टीम है। किस तरह की तैयारी है आप लोगों की?

ये बहुत मजे की बात है कि हमें एक चैंपियन टीम के ख़िलाफ़ खेलने का मौक़ा मिला है। हम इस मैच में अपनी पूरी ताक़त लगा देंगे और कोशिश करेंगे कि हम मैच जीतें। ये हमारे पास बहुत अच्छा मौका है कि जब किसी बड़ी टीम के सामने अपने आप को साबित करें। हमने पाकिस्तान और भारत के खिलाड़ियों से बहुत कुछ सीखा है।

इस मैच को यहां तक लाने में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अहम भूमिका निभाई है। आप क्या मानते हैं कि अफ़गानिस्तान को बड़ी टीमों के साथ इस तरह और भी मैच खेलने चाहिए?

ये एक ऐतिहासिक फ़ैसला है। हम पाकिस्तान और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को शुक्रिया अदा करते हैं । हम चाहते हैं कि दोनों देशों के क्रिकेट प्रशासकों में अच्छे संबंध कायम रहें ताकि हमलोग और ज़्यादा एक दूसरे के साथ खेल सकें।

पाकिस्तान की फ़िरकी गेंदबाज़ी का सामना करने के लिए आपकी टीम ने किस तरह से तैयारी की है?

अफ़गानिस्तान की टीम स्पिन गेंदबाज़ सईद अजमल और अब्दुर्रहमान का सामना करने लिए पूरी तरह से तैयार है। हमने इन दोनों का सामना करने के लिए ख़ास तैयारी की है। हम भारत औऱ पाकिस्तान की तरह स्पिन गेंदबाज़ी को अच्छे से खेलने की काबिलियत रखते हैं।

अफ़गानिस्तान में जिस तरह के हालात हैं उसमें आपलोगों को काफ़ी संघर्ष का सामना करना पड़ता होगा। इस बारे में हमें कुछ बताइए.

ये जो समस्या है ये सिर्फ़ अफ़गानिस्तान में ही नहीं है, इससे तो सारी दुनिया जूझ रही है। हर कोई अमनचैन चाहता है लेकिन सबकुछ अपने हाथ में नहीं होता। इसे ख़त्म करने के लिए तालीम की ज़रुरत होती है। हम चाहते हैं कि हमारे मुल्क़ के लोग अच्छी तालीम हासिल करें। हमने काफ़ी संघर्ष किया है। हमें हुकूमत से उतनी मदद नहीं मिलती जितनी मिलनी चाहिए। आईसीसी ने हमारी सरज़मीन पर क्रिकेट को ऊपर लाने की बहुत कोशिश की है और इसी का परिणाम है कि आज हमलोग शारजाह में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेलने को तैयार हैं।

आपकी फ़ेवरेट टीम कौन-सी है और मनपसंद खिलाड़ी कौन-कौन हैं?

हमने क्रिकेट पाकिस्तान और भारत से सीखा है। अगर आप मेरी मनपसंद टीम की बात करें तो वो पाकिस्तान है लेकिन में फ़ेवरेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर है। वजह ये है कि वो एक नेक इंसान है। सबसे ड़ी बात ये है कि सचिन अनुशासन को काफ़ी महत्त्व देते हैं। जब वो आउट होते हैं या शतक बनाते हैं तो ख़ामोशी से बल्ला दिखाते हैं और औरों की तरह शोर नहीं मचाते। जम मैं पुणे में मैच खेलने गया था तो सबने सचिन की काफ़ी तारीफ़ की। सबने यही कहा कि वो इतने बड़े खिलाड़ी हैं फिर भी हमेशा शांत रहते हैं और अनुशासन की सीमाओं को कभी नहीं लांघते हैं। हालांकि में उनसे अभी तक मिला नहीं हूं। मेरी दिली तमन्ना है उनसे मिलने की।

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