2005

से सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना लागू की गई

2008-09

से 2016-17 तक कर्मचारियों का अंशदान 2,830 करोड़ सामने आया

2008-09

से 2016-17 तक राज्य सरकार द्वारा सिर्फ 2,247 करोड़ रुपए दिया गया

583

करोड़ रुपए की संम्पूर्ण अंशदान में कमी रही

5,660

सम्पूर्ण अंशदान करोड़ के सापेक्ष 5,001.71 करोड़ एनएसडीएल को हस्तांतरित किया गया

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सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद सामने आया मामला

2005 से 2008 तक कर्मचारियों के पेंशन अंशदान का विवरण नहीं

ALLAHABAD: ऐसे समय में जब सरकारी कर्मचारी नई पेंशन योजना को लेकर आंदोलन की राह पर सीएजी की रिपोर्ट धमाका कर सकती है। कारण कि यदि इस रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2005 से 2008 के बीच कर्मचारियों के अंशदान का कोई रिकार्ड ही उपलब्ध नहीं है।

वर्ष 2005 से हुई लागू

जबकि 2005 से नई पेंशन नीति लागू होने के बाद लगातार कर्मचारियों की सैलरी से पेंशन अंशदान काटा जा रहा है। लेकिन वह अंशदान कहां है, इसका विवरण राज्य के लेखे में कहीं भी दर्ज नहीं है। ये बात गुरुवार को महालेखाकार की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सीएजी सरित जफा ने कही।

मिली हैं कई गड़बडि़यां

आडिट रिपोर्ट पेश करते हुए सरित जफा ने बताया कि नवीन पेंशन योजना के अन्तर्गत 2005 से 2008 में पेंशन अंशदान का विवरण राज्य लेखे में उपलब्ध नहीं था। इसके कारण लेखा परीक्षा में यह आगणित करना संभव नहीं था कि योजना के प्रारम्भ से कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जाने वाली पेंशन अंशदान की धनराशि की वास्तव में कटौती की गई थी। राज्य सरकार द्वारा सम्पूर्ण समतुल्य अंशदान दिया गया था तथा एनएसडीएल को हस्तान्तरित किया गया था।

सरकारी अंशदान में मिली कमी

मीडिया को ब्रीफिंग देते हुए वरिष्ठ महालेखाकार अतुल प्रकाश ने बताया कि वर्ष 2008-09 से 2016-17 में कर्मचारियों का अंशदान 2,830 करोड़ के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा सिर्फ 2,247 करोड़ रुपए का अंशदान दिया गया। इसके कारण कर्मचारियों और राज्य सरकार की तरफ से होने वाले संम्पूर्ण अंशदान में 583 करोड़ रुपए की कमी रही। सम्पूर्ण अंशदान 5,660 करोड़ के सापेक्ष 5,001.71 करोड़ एनएसडीएल को हस्तांतरित किया गया तथा लोक लेखे के अन्तर्गत मुख्य शीर्ष 8342 में 545.68 करोड़ का अवशेष था। एक अप्रैल 2005 अथवा उसके पश्चात नियुक्त कर्मचारियों के वेतन से अंशदान कटौती 2008-09 में 5.03 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2015-16 में 636.51 करोड़ हो गया। वर्ष 2016-17 में ये घटकर 199.24 करोड़ हो गया। यह कमी नवीन पेंशन योजना के अन्तर्गत कर्मचारी अंशदान के लिए लोक लेखे में नियत मुख्य शीर्ष 8342 के अतिरिक्त किसी अन्य शीर्ष में कर्मचारी अंशदान के अनियमित हस्तांतरण के कारण हो सकती है। वरिष्ठ महालेखाकार अतुल प्रकाश ने अन्य कई मदों में हुए खर्च और कार्यो के विवरण के बारे में भी चर्चा की।