- लोकसभा चुनाव में पहली बार देंगे अपनी सेवाएं

- लो पोलिंग वाले बूथों के मतदाताओं को करेंगे जागरुक

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ALLAHABAD: ऐसा पहली बार होगा जब एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) वालंटियर्स लोकसभा चुनाव में अपनी सेवाएं देंगे। इनका मेन टारगेट कम वोटिंग परसेंटेज वाले पोलिंग बूथों के मतदाताओं को जागरुक करना है। इलेक्शन कमीशन की मंशा के चलते यह डिसीजन लिया गया है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में पहली बार यह प्रयोग किया गया था और बेहतर रिजल्ट को देखते हुए इसे कंटीन्यू कर दिया गया है।

घर-घर जाकर करेंगे जागरुक

इलेक्शन कमीशन की मंशा के चलते एनएसएस को जिम्मेदारी दी गई कि वह कम वोटिंग परसेंटेज वाले बूथों के मतदाताओं को जागरुक करें। जिससे वह चुनाव के दिन वोट जरूर डालें। इसके लिए खासतौर से दस फीसदी से कम वोटिंग वाले बूथों को प्रॉयरिटी पर रखा गया है। इसके पहले ख्0क्ख् में पहली बार विधानसभा चुनाव में एनएसएस को यही जिम्मेदारी दी गई थी। जबकि, लोकसभा चुनाव में उनकी मौजूदगी भी पहली बार ही होगी।

परीक्षा के चलते हुए लेट

एनएसएस को तीन चरणों में जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें पहले नंबर पर मतदाता संख्या बढ़ाना, उनको वोटिंग के लिए जागरुक करना और चुनाव वाले दिन मतदातओं को घर से बूथ तक लाना। फिलहाल यूनिवर्सिटी सहित डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं चल रही है। ऐसे में एनएसएस वालंटियर्स चुनाव अभियान में क्भ् अप्रैल के बाद ही अपनी सेवाएं दे पाएंगे। आगे की रणनीति तय करने के लिए ख्7 मार्च एनएसएस प्रभारी ने मीटिंग भी बुलाई है। उम्मीद है कि भ्00 से अधिक वालंटियर्स को नियुक्त किया जाएगा। बता दें कि इलाहाबाद में वोटिंग की डेट सात मई निर्धारित की गई है।

वोटों की खरीद-फरोख्त पर भी रखेंगे नजर

इसके अलावा एनएसएस वालंटियर्स को इस बार लोकसभा चुनाव में एक और अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। नैतिक मतदान की प्रथा को कायम रखते हुए वालंटियर्स वोट बेचने और खरीदने वाले, दोनों पर नजर रखेंगे। अभी तक केवल वोट खरीदने वाले ही इलेक्शन कमीशन की नजर में होते थे लेकिन अब बेचने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश कमीशन पहले ही दे चुका है। अगर कोई वोट बेचते पाया जाता है तो वालंटियर्स इसकी सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन को देंगे।

-एनएसएस वालंटियर्स की टीमें तैयार की जा रही हैं। इनको वोटिंग परसेंटेज बढ़ाए जाने की ड्यूटी दी गई है। फिलहाल परीक्षाएं चल रही हैं और इसके बाद उनको चुनाव अभियान में लगा दिया जाएगा। इसके लिए ख्7 मार्च को एक मीटिंग भी बुलाई गई है।

प्रो। उमाकांत यादव, एनएसएस समन्वयक, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी