-एनएसएस छात्राओं से हुई छेड़छाड़ का मामला

-डीडीयूजीयू गेट पर पीडि़त छात्राओं के परिजन बिना किसी परमिशन के दो दिनों से कर रहे प्रदर्शन

-कार्रवाई के लिए प्रशासन कर रहा सूचना मिलने का इंतजार

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: डीडीयूजीयू के एनएसएस छात्राओं से हुई छेड़छाड़ के मामले में हर रोज एक नया मोड़ आ रहा है। सैटर्डे को एक तरफ जहां महिला आयोग से डीएम के पास मामले की जांच कराने का आदेश आने से एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक उलझते दिखे वहीं दूसरी तरफ डीडीयूजीयू शिक्षक कार्यकारिणी मेंबर्स के समर्थन ने उन्हें राहत दे दी। वहीं सिटी में धारा 144 लागू होने के बावजूद बिना परमिशन यूनिवर्सिटी गेट पर पीडि़त छात्राओं के परिजनों का धरना प्रदर्शन पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगा रहा है?

धरने की किसने दी परमिशन?

विभिन्न त्योहारों और छह दिसंबर की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सिटी में धारा 144 लागू है। वहीं अपने को पीडि़त छात्राओं के परिजन बताने वाले बीते दो दिनों से डीडीयूजीयू गेट के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि ऐसे में कोई बिना परमिशन धरना प्रदर्शन कैसे कर रहा है, जबकि धारा लागू रहने पर दस लोग एक जगह एकत्रित नहीं हो सकते।

एडीएम सिटी करते रहे सूचना का इंतजार

छात्राओं के परिजनों के धरने पर बैठने की बाबत जब आई नेक्स्ट ने एडीएम सिटी बीएन सिंह से बात की तो उनका कहना था कि हमसे प्रदर्शन की परमिशन नहीं ली गई है। जब उनसे पूछा गया कि धारा 144 में डीडीयूजीयू गेट पर प्रदर्शन कैसे हो रहा है तो उनका कहना था कि हमने प्रदर्शन देखा नहीं है। पुलिस यदि रिपोर्ट देती है या कोई व्यक्ति हमें सूचना देता है तो कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि एक तरफ धारा 144 का उल्लंघन हो रहा है और एडीएम सिटी सूचना मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

शिक्षकों ने किया समर्थन

वहीं सैटर्डे को डीडीयूजीयू शिक्षक कार्यकारिणी के मेंबर्स एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक के समर्थन में खड़े हो गए। उन्होंने दीक्षा भवन के कन्वेंशन हाल में मीटिंग कर विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और शिक्षकों को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने की मांग की है। मीटिंग के दौरान कार्यकारिणी के महामंत्री प्रो। एसके सिंह, प्रो। जितेंद्र तिवारी, चीफ प्रॉक्टर प्रो। ओपी पाण्डेय, प्रो। संजय बैजल, प्रो। श्रीवर्धन पाठक, प्रो। लाल जी त्रिपाठी, प्रो। जितेंद्र मिश्रा, डॉ। चंद्रशेखर, डॉ। सुधाकर लाल, डॉ। मुकुल शरण त्रिपाठी, डॉ। गोपाल प्रसाद, डॉ। विनोद कुमार सिंह, डॉ। दिव्या रानी सिंह व डॉ। विजय वर्मा आदि ने एक सुर में कहा कि शिक्षक के मर्यादा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक को जिस तरह धमकियां दी जा रही हैं, इससे विश्वविद्यालय की छवि और शिक्षकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

हमसे किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन की कोई परमिशन नहीं ली गई है। अगर कोई प्रदर्शन कर रहा है तो यह असंवैधानिक है।

बीएन सिंह, एडीएम सिटी