- एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं की पुलिस और विवि अधिकारियों से हुई तकरार, विवि प्रशासन ने लगाया मारपीट का आरोप

- सपा कार्यकर्ताओं ने कुलपति के रवैए के खिलाफ दी गिरफ्तारी

आगरा: डॉ। भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में पास से एंट्री और छात्रों की समस्या का समाधान न होने के विरोध में आयोजित महापंचायत में छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई कार्यकर्ता ताला तोड़कर विवि में प्रवेश कर गए। अंदर जमकर हंगामा किया। विवि प्रशासन ने सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट का भी आरोप लगाया है। सपा कार्यकर्ता भी कुलपति को धरना स्थल पर बुलाने पर अडे़ रहे। बाद में उन्होंने कुलपति के अडि़यल रवैए के विरोध में अपनी गिरफ्तारी दी। विवि की ओर से एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

छात्र समस्या पर नहीं ध्यान

छात्र समस्या को लेकर एनएसयूआई और सपा छात्र सभा द्वारा बुलाई गई महापंचायत के चलते बुधवार सुबह से विवि के बाहर पुलिस और पीएसी तैनात थी। गेट नंबर दो से पहले बेरीकेडिंग कर सभी को रोक दिया गया था। सपा छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता और छात्र नेता धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाए कि कुलपति द्वारा छात्रों के साथ दोहरा बर्ताव किया जा रहा है। पालीवाल पार्क परिसर में पास व्यवस्था है, जबकि खंदारी परिसर में बाहरी और राजनीतिक व्यक्तियों की दिनभर आवाजाही रहती है। छात्रों की समस्या सुलझाने में उनका कोई ध्यान नहीं है।

तोड़ दिया ताला

दोपहर करीब साढे़ 12 बजे एनएसयूआई के कार्यकर्ता गेट नंबर तीन पर पहुंच गए। उन्होंने गेट में धक्का मारकर ताला तोड़ दिया और अंदर प्रवेश कर गए। कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बमुश्किल बाहर निकाला। इसके बाद वह गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए। पुलिस ने वहां से हटाया तो सभी कार्यकर्ता गेट नंबर दो की तरफ बढ़ गए। यहां पर लगी बेरीकेडिंग को पार कर अंदर जाने का प्रयास किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। कार्यकर्ताओं की पुलिस से तकरार भी हुई। इस दौरान पूर्व छात्र सभा अध्यक्ष गौरव शर्मा, एआईसीसी सदस्य अमित सिंह, नितिश गौड़, सतीश सिकरवार, अंकुश गौतम, अपूर्व शर्मा आदि उपस्थित रहे।

सपा नेताओं ने दी गिरफ्तारी

एनएसयूआई से अलग सपा कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्वक तरीके से धरना दिया। वह कुलपति को धरनास्थल पर बुलाने की मांग पर अडे़ रहे। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। कुलसचिव ने कहा कि कुलपति उप मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में गए हैं, इस पर कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने कहा कि कुलपति के पास छात्रों के लिए समय नहीं है। कुलपति के रवैये के विरोध में सभी कार्यकर्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी दी। शाम करीब पांच बजे पुलिस लाइन से सभी को छोड़ दिया गया। इस महापंचायत में सपा जिलाध्यक्ष रामसहाय यादव, निर्वेश शर्मा, गौरव यादव, आलोक यादव, नितिन कोहली, देवेंद्र यादव, राहुल पाराशर, राजन ठाकुर, जीशान, कैप्टन बघेल सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

यह थी छात्रों की मांग

- विवि के सभी परिसर में एक समान नियम लागू हो।

- चीफ प्रॉक्टर पर कई आरोप हैं। प्रमोशन नियम विरुद्ध है। इसकी जांच कराई जाए और सभी पदों से हटाया जाए।

- सभी परीक्षा परिणाम पूर्ण रूप से घोषित किए जाएं।

- सभी छात्र नेताओं पर लगे प्रतिबंध और मुकदमे वापस लिए जाएं।

दो फाड़ हुए संगठन

महापंचायत से पहले ही छात्र संगठन दो फाड़ हो गए। एनएसयूआई और सपा ने अलग-अलग प्रदर्शन किया। इससे उनका आंदोलन प्रभावित हुआ। यही कारण रहा है कि वह अपने साथ छात्रों को भी नहीं जोड़ पाए। जो छात्र आए भी थे वह भी कुछ देर बाद चले गए।

कर्मचारी और छात्र हुए परेशान

महापंचायत के चलते विवि ने रात में ही बेरीकेडिंग करा दी थी। पार्किंग व्यवस्था भी सड़क पर की गई थी। ऐसे में विवि कर्मचारी और छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

विवि ने दर्ज कराया मुकदमा

विवि के चीफ प्रॉक्टर और कुलसचिव की ओर से एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर गेट नंबर तीन को तोड़कर पुलिस और विवि सुरक्षाकर्मियोंके साथ मारपीट करने, विवि में गालीगलौज और सरकारी कार्य बाधित करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में थाना हरीपर्वत में दी गई तहरीर पर नितिश गौड़, अमित सिंह, गौरव शर्मा, राज शर्मा सहित सात नामजद और 50 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।