बदलाव का सबसे बेहतर अवसर
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने संदेश में कहा कि दोनों देशों के बीच दशकों से व्याप्त तनावपूर्ण संबंधों में बदलाव हो रहा है. सबसे खास बात यह है कि बदलाव का यह सबसे बेहतर अवसर है. हमें इससे चूकना नहीं चाहिए, क्योंकि ईरान के नेता यदि इस समझौते के लिए सहमति जताते हैं तो देश संपन्नता के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने माना कि इस संबंध में चल रही वार्ता में अभी भी कुछ महत्वपूर्ण मतभेद हैं. उन्होंने कहा कि मुमकिन है कि यह मौका तुरंत नहीं आए, लेकिन, मुझे भरोसा है कि दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से इसका हल निकालने में कामयाब रहेंगे. इस लिहाज से आने वाले हफ्तों को उन्होंने काफी महत्वपूर्ण बताया है.

प्रतिबंधों में ढील देने की बात
स्विट्जरलैंड के लुसाने में दो दिन पूर्व गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और उनके ईरानी समकक्ष जावेद जरीफ के बीच छठे और सातवें दौर की वार्ता हुयी. जिसके बाद ओबामा का यह संदेश सामने आया है. ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम को लेकर दुनिया के छह बड़े देश अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चीन और रूस उसके साथ बात कर रहे हैं. प्रस्तावित समझौते में ईरान की परमाणु गतिविधियों को सीमित करने और उसके बदले उस पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने की बात है. हालांकि पिछले दिनों 47 अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटरों ने ईरान को तेहरान मामले पर कड़ी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि ओबामा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही तेहरान के साथ इस तरह का करार रद कर दिया जाएगा. इजरायल और सऊदी अरब जैसे अमेरिका के पुराने सहयोगी देश भी इस समझौते पर एतराज जता चुके हैं.

बदलाव का सबसे बेहतर अवसर
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने संदेश में कहा कि दोनों देशों के बीच दशकों से व्याप्त तनावपूर्ण संबंधों में बदलाव हो रहा है. सबसे खास बात यह है कि बदलाव का यह सबसे बेहतर अवसर है. हमें इससे चूकना नहीं चाहिए, क्योंकि ईरान के नेता यदि इस समझौते के लिए सहमति जताते हैं तो देश संपन्नता के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने माना कि इस संबंध में चल रही वार्ता में अभी भी कुछ महत्वपूर्ण मतभेद हैं. उन्होंने कहा कि मुमकिन है कि यह मौका तुरंत नहीं आए, लेकिन, मुझे भरोसा है कि दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से इसका हल निकालने में कामयाब रहेंगे. इस लिहाज से आने वाले हफ्तों को उन्होंने काफी महत्वपूर्ण बताया है.

 

प्रतिबंधों में ढील देने की बात
स्विट्जरलैंड के लुसाने में दो दिन पूर्व गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और उनके ईरानी समकक्ष जावेद जरीफ के बीच छठे और सातवें दौर की वार्ता हुयी. जिसके बाद ओबामा का यह संदेश सामने आया है. ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम को लेकर दुनिया के छह बड़े देश अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चीन और रूस उसके साथ बात कर रहे हैं. प्रस्तावित समझौते में ईरान की परमाणु गतिविधियों को सीमित करने और उसके बदले उस पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने की बात है. हालांकि पिछले दिनों 47 अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटरों ने ईरान को तेहरान मामले पर कड़ी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि ओबामा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही तेहरान के साथ इस तरह का करार रद कर दिया जाएगा. इजरायल और सऊदी अरब जैसे अमेरिका के पुराने सहयोगी देश भी इस समझौते पर एतराज जता चुके हैं.

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