- लगातार कम हो रहा है ताज नगरी में नाइट स्टे का ग्राफ

- ताज और फोर्ट का दीदार करने के बाद बैरंग दिल्ली जयपुर लौट जाते हैं टूरिस्ट

- डीएम की अध्यक्षता में कमेटी करेगी मंथन

- वर्ष 2017 में 57.01 फीसदी टूरिस्ट ने किया था नाइट स्टे

- वर्ष 2018 में रह गया 53.82 फीसदी

3.5 लाख से ज्यादा लोग जुडे हैं आगरा के पर्यटन से

3400 करोड़ का पर्यटन का सालाना कारोबार

500 होटल्स हैं करीब शहर में

126 से ज्यादा हैण्डीक्राफ्ट के शोरूम हैं

आगरा। कभी मुगलिया सल्तनत की सिरमौर रही ताजनगरी आज अपनी शान-शौकत को कायम नहीं रख पा रही है। व‌र्ल्ड सेवन वन्डरफुल में शामिल संगमरमरी ताजमहल होने के बाद भी ताजनगरी पर्यटन का हब नहीं बन सकी है। यही कारण है कि ताजनगरी में विश्व प्रसिद्ध इमारतों को देखने आने वाले आधे टूरिस्ट बिना नाइट स्टे किए ही उसी दिन दिल्ली-जयपुर के लिए रवाना हो जाते हैं। इसके चलते आगरा को पर्याप्त राजस्व प्राप्त नहीं हो पा रहा है।

लगातार कम हो रहा टूरिस्ट के नाइट स्टे का ग्राफ

ताजनगरी में टूरिस्ट के नाइट स्टे का ग्राफ लगातार कम हो रहा है। सूत्रों की मानें तो वर्ष 2017 में 8,57,456 विदेशी टूरिस्ट ताज का दीदार करने आए, इनमें से केवल 4,88,862 टूरिस्ट ने ही नाइट स्टे किया। इसमें विदेशी टूरिस्ट का नाइट स्टे 57.01 फीसदी रहा। वहीं वर्ष 2018 में विदेशी टूरिस्ट के नाइट स्टे का यह ग्राफ करीब 53.82 फीसदी रहा। इस वर्ष 9,08,722 विदेशी टूरिस्ट ताज का दीदार करने ताजनगरी पहुंचे। इनमें से 4,89,061 टूरिस्ट ने ही नाइट स्टे किया।

ताजनगरी के पर्यटन कारोबार को नहीं मिल पा रहा लाभ

ताजनगरी में टूरिस्ट के नाइट स्टे न करने से आगरा का पर्यटन कारोबार ग्रोथ नहीं कर पा रहा है। बता दें कि आगरा के पर्यटन से साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों को कारोबार मिलता है। ताजनगरी में 3400 करोड़ का पर्यटन का सालाना कारोबार है। यहां तकरीबन 500 होटल हैं। इनमें दर्जनों की संख्या में फाइव और थ्री स्टार हैं। 126 से ज्यादा हैन्डीक्राफ्ट के शोरूम हैं। पर्यटन कारोबारी इसके पीछे बड़ी वजह मानते हैं कि योजनाएं तो बहुत बनीं, लेकिन उनमें कम ही धरातल पर उतर सकीं। दूसरी ओर पर्यटन को लेकर सियासत के कद्दावरों ने ताजनगरी के पर्यटन को तरजीह नहीं दी। यही कारण है कि ताजनगरी का पर्यटन कारोबार सफलता की कहानी नहीं गढ़ सका।

टूरिस्ट के नाइट स्टे के लिए होगा मंथन

अब जिम्मेदार जाग गए हैं। शहर में टूरिस्ट के नाइट स्टे के लिए प्लान तैयार किया जाएगा। इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। टूरिस्ट सीजन शुरू होने से पहले कमेटी मंथन कर प्लान तैयार करेगी। इस कमेटी में डिप्टी डायरेक्टर टूरिज्म, अधीक्षण पुरातत्वविद् सामाजिक वानिकी प्रभाग के प्रभागीय निदेशक, एडीए सचिव और पर्यटन उद्यमी मिलकर विचार-विमर्श कर टूरिस्ट के नाइट स्टे का प्लान तैयार करेंगे। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के साथ ऐसे पहलुओं पर भी विचार किया जाएगा, जो टूरिस्ट को आकर्षित कर सकें।

यहां होंगे कार्यक्रम

ताज नेचर वॉक में कल्चर प्रोग्राम

ग्यारह सीढ़ी व शाहगंज गार्डन

आगरा फोर्ट

फतेहपुरसीकरी लेजर शो

वीकेंड पर फूड फेस्टिवल का प्रपोजन

पर्यटन को बढ़ाने को ये किए गए उपाय

ताज नगरी में पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रो-पूअर टूरिज्म प्रोजेक्ट के तहत कई योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए गए। इसमें से कुछ प्रस्तावों पर काम शुरू हो गया, जबकि कुछ अधर में ही लटक गए। ताजनगरी में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 370 करोड़ का प्रो-पूअर टूरिज्म प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इसके तहत कई कार्य प्रस्तावित थे।

- 18 करोड़ से ज्यादा की लागत से हेरीटेज वॉक-वे का निर्माण

- 85 करोड़ की लागत से पार्किंग का निर्माण किया जाना था, अभी रोक लगा दी गई है।

- 17.88 करोड़ की लागत से कछपुरा की गलियों का सुन्दरीकरण किया जाएगा।

- ड्रेनेज सिस्टम में सुधार

- ग्यारह सीढ़ी से मेहताब बाग तक स्ट्रीट फर्नीचर फैंसी लाइट लगाने का कार्य

- मुगल म्यूजियम का निर्माण विचाराधीन

ईको टूरिज्म नहीं चढ़ सका परवान

ताज के तहत आगरा में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा योजना बनाई गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के रूप में सत्तारुढ़ होते ही कीठम झील का दौरा किया गया। इस दौरान ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया।

ईको टूरिज्म के तहत ये होना था

- कीठम में अंदर पार्किंग

- झील में वोटिंग के लिए हाईटेक पैडल वोट की व्यवस्था

- प्रवासी पक्षियों के लिए अलग से आईलैंड

- प्रवासी पक्षियों के विषय में जानकारी के लिए म्यूजियम

- वॉच टॉवर

- घाटों का सौन्दर्यीकरण

- आने वाले टूरिस्ट घाटों पर फोटोशूट की व्यवस्था

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये भी किया गया

-ताज महोत्सव

-बटेश्वर मेला हॉर्स रेस

-कार रेसिंग प्रतियोगिता

-बैलून फेस्टिवल

-वर्ड फेस्टिवल

ताजनगरी में पर्यटन के साथ ये दुश्वारियां

- ताजमहल, फतेहपुरसीकरी समेत अन्य मॉन्यूमेंट पर लपकों का बोलबाला है

- ताज पर अवारा जानवर, कुत्ते-बंदर का आतंक

- फ्लाइट्स की सुविधा नहीं

- सड़कों की हालत भी खस्ताहाल

- गतिमान एक्सप्रेस का संचालन भी दिल्ली से किया जाता है

- पर्यटकों के साथ ठगी की घटना होने से ताजनगरी की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है

- सड़कों की हालत खस्ताहाल

- पर्यटकों पर दिल्ली की लॉबी हावी रहती है।

- दिल्ली से पर्यटकों को कैच कर लिया जाता है

- नाइट स्टे के लिए कोई विशेष आकर्षण नहीं है

- गाइड प्रशिक्षित नहीं हैं

- पर्यटकों के वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है

- 85 करोड़ की लागत से पार्किंग बनाई जानी थी, लेकिन कोर्ट की रोक लगी है

- 18 करोड़ 58 लाख की लागत से हेरीटेक-वॉक-वे का निर्माण पेन्डिंग में