सिर्फ इंग्लिश में हो रही बात

मिशन नर्सरी शुरू होते ही सिटी के ज्यादातर घरों में भी तैयारियां होने लगी हैैं। पेरेंट्स दिन-रात सिर्फ और सिर्फ बच्चों को इंग्लिश में बात करना सिखा रहे हैैं। बच्चों के सामने ज्यादा से ज्यादा इंग्लिश के वड्र्स का यूज हो रहा है। आम बोलचाल की भाषा में भी अचानक इंग्लिश ही एंट्री हो गई है। अगर बच्चा हिंदी के शब्द बोलता है तो उसे तुरंत इंग्लिश के वर्ड बताकर उसे ही बोलने की हिदायत दे दी जाती है।

प्याज हो गया है अनियन

घरों में अब तक जिन चीजों को हिंदी में ही बोला जाता रहा, अक्टूबर शुरू होते ही वो चीजें अब इंग्लिश में बोली जानी शुरू हो गई हैैं। जैसे प्याज अनियन हो गया है, आलू-पोटेटो, टमाटर-टोमेटो, चावल-राइस, सेब-एप्पल, केला-बनाना, पानी-वॉटर, सुबह-मॉर्निंग, रात-नाइट, शाम-इवनिंग, खेलना- प्ले आदि। पेरेंट्स ने बाकायदा इसके लिए लिस्ट तैयार कर ली है। किन वड्र्स को बच्चों को याद कराना है, इसके लिए पेरेंट्स खुद भी तैयार हो रहे हैं। यहां तक की जब मम्मी शॉपिंग पर बच्चों को अपने साथ लेकर जाती हैं तो आसपास की सारी चीजों को भी इंग्लिश में याद कराती जाती हैं जैसे सड़क को रोड कहते हैं और गड्ढों को पॉटहोल्स।

पापा भी करवा रहे तैयारी

बच्चोंं को इंटरव्यू के लिए तैयार कराने में सिर्फ मम्मीज ही रोल प्ले नहीं कर रही हैं बल्कि पापा भी उनका साथ निभा रहे हैं। घर के कामों में जब मम्मी बिजी होती हैं तो पापा बच्चों को रीवीजन कराने में लग जाते हैं। पूरे दिन की एक्टिविटीज पूछते हैं, जिन वड्र्स को याद किया होता है, उन्हें दोबारा से रिवाइज कराते हैं। यही नहीं, इंटरनेट से कई सारी राइम्स निकालते हैं। हिंदी टू इंग्लिश की लिस्ट निकाल कर लाते हैं।

जनरल नॉलेज भी करवा रहे याद

ऐसा नहीं है कि पेरेंट्स का ध्यान सिर्फ इंग्लिश पर ही है। इंग्लिश के अलावा पेरेंट्स बच्चों को जनरल नॉलेज भी याद करवा रहे हैं। प्राइम मिनिस्टर से लेकर प्रेसीडेंट तक का नाम याद करवाया जा रहा है। यूपी के चीफ मिनिस्टर कौन हैैं। नेशनल फ्लैग में कितने कलर्स हैैं और कौन-कौन से हैैं। नेशनल बर्ड, नेशनल एनिमल, नेशनल गेम भी याद कराए जा रहे हैैं।

मैनर्स भी सिखा रहे

बच्चों पर इस समय बहुत प्रेशर है। सब कुछ याद करने के अलावा उन्हें मैनर्स भी सीखने पड़ रहे हैं। अब तक वो अपनी सारी चीजें यूं ही रूम्स भी फेंक देते थे। लेकिन अब उन्हें हर चीज अपनी जगह पर रखने के एटिकेट्स सिखाए जा रहे हैं। किसी से कोई चीज लेने के बाद थैैंक्यू, गलती करने पर सॉरी, कुछ नहीं चाहिए तो नो थैैंक्यू, किसी ने हालचाल पूछा तो आई एम फाइन थैैंक्यू आदि भी सिखाए जा रहे हैं। टॉफी के रैपर को जमीन पर नहीं बल्कि डस्टबिन में फेंकना भी लर्निंग लिस्ट में शामिल है।

प्लेग्रुप्स दे रहे क्वेशंस की लिस्ट

सिटी के कई प्लेग्रुप्स इस समय पेरेंट्स के साथ-साथ बच्चों पर पूरी मेहनत कर रहे हैं। प्लेग्रुप्स में एडमिशन सीजन से पहले एक पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग कराई जा रही है जिसमें पेरेंट्स को समझाया जा रहा है कि उन्हें इंटरव्यू कैसे फेस करना है। बच्चों को नई-नई चीजें सिखाई जा रही हैैं।

प्लेग्रुप्स लिस्ट में शामिल हैैं यह क्वेशंस

- What is your name?

- What is your father's name?

- What is your mother's name?

- How old are you?

- Where do you live?

- How many finger you have?

- Name your body parts।

- Name five animals।

- Name five fruits।

- Name five vegetables।

- What is the colour of rice?

- Which car you have in your home?

- What is the colour of your car?

- Do you go to mall? Which mall?

- From where do you get pizza?

- Name some cartoon characters।

- What is this? Capri or jeans?

- What is the colour of your t-shirt or  frock?

मनीष अरोरा, मैनेजर, बचपन प्ले ग्रुप, शास्त्रीपुरम

हम अपने प्लेग्रुप में अब बच्चों को एटीएम की विजिट तक करा रहे हैैं क्योंकि लास्ट ईयर इस तरह के क्वेशंस भी पूछे गए थे। लेटेस्ट फूड आयट्म्स के अलावा सराउंडिंग्स की भी जानकारी दे रहे हैं। लैंग्वेज कमांड्स पर भी काफी ध्यान दिया जा रहा है-

रेनू सिंह राणा, पेरेंट, केके नगर

स्कूल्स में कुछ भी पूछा जा सकता है। इसलिए हम अपने बच्चों को जितना सिखा सकते हैैं, उतना सिखा रहे हैैं। हर तरह से कोशिश कर रहे हैैं। मैनर्स से लेकर सराउडिंग्स की भी जानकारी दे रहे हैैं.

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