- एएमए के डॉक्टर्स ने स्टेनली स्टैनली रोड पर लगाया जाम

- आरोपियों की अरेस्टिंग की मांग करते हुए किया प्रदर्शन

ALLAHABAD: आनंद हॉस्पिटल में डॉ। रोहित गुप्ता के साथ हुई मारपीट की घटना से नाराज इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के मेंबर्स ने रविवार शाम स्ट्राइक कर दी। डॉक्टरों ने हाथों में तख्ती और बैनर लेकर स्टैनली रोड स्थित एएमए ब्लड बैंक के सामने चक्काजाम कर दिया। जिससे वाहनों की लंबी लाइन लग गई। डॉक्टर्स मारपीट के आरोपियों को अरेस्ट करने की मांग कर रहे थे। इस दौरान शहर के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम्स में काम ठप कर दिया गया। जिससे दूर-दराज से आए मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।

एसएसपी ने मांगा अध्यादेश तो और भड़क उठे

डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के दौरान इलाहाबाद-लखनऊ राजमार्ग बाधित होने से पुलिस एक्टिव हो गई। स्पॉट पर पहुंची लोकल पुलिस ने डॉक्टरों को मनाने की कोशिश की, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि एसएसपी से उन्होंने आरोपियों अरेस्टिंग के साथ नर्सिग होम्स के सुरक्षा की बात मांग की तो एसएसपी ने उन्होंने सुरक्षा संबंधी अध्यादेश की मांग की। उनका कहना था कि पूर्व में हॉस्पिटल्स में मारपीट और तोड़फोड़ की घटना के बाद पुलिस को कई बार अध्यादेश दिया गया है लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। घंटों आंदोलन के बाद किसी तरह डॉक्टर्स सड़क से हटे। इसके बाद दोपहर में प्रेसिडेंट डॉ। अभिलाषा चतुर्वेदी की अध्यक्षता में एएमए संगठन की बैठक हुई। इसमें घटना की निंदा करते हुए पुलिस के नान कोआपरेशन पर नाराजगी जताई गई।

इमरजेंसी सेवाएं भी ठप

डॉक्टरों की स्ट्राइक के चलते शहर के तमाम निजी हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स की चिकित्सा सेवाएं ठप हो गई। नाराज डॉक्टरों ने नए एडमिशन लेने से मना कर दिया। इससे अस्पताल पहुंचे नए मरीजों को परेशान होना पड़ा। हालांकि, पहले से भर्ती मरीजों का इलाज इस दौरान जारी रखा गया।

ख्7भ् नर्सिगहोम्स में रोज पहुंचते हैं औसतन ब्ख् हजार मरीज

अगर इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की स्ट्राइक सोमवार को कंटीन्यू हुई तो हजारों मरीजों का झेलना तय है। जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद में ख्7भ् नर्सिग होम हैं। औसतन प्रत्येक नर्सिग होम में रोजाना सौ से डेढ़ मरीजों की ओपीडी और क्0 से क्भ् मरीजों को भर्ती किया जाता है। इस तरह से लगभग ब्ख् हजार मरीज रोजाना प्राइवेट हॉस्पिटल्स में पहुंचते हैं।

पहले से फुल चल रहे हैं सरकारी हॉस्पिटल्स

शहर के सरकारी हॉस्पिटल्स की बात करें तो यह पहले से हाउसफुल चल रहे हैं। यहां प्रत्येक हॉस्पिटल में रोजाना ढाई से तीन हजार मरीज पहुंच रहे हैं। संसाधन और डॉक्टर्स की संख्या सीमित होने की वजह से इन मरीजों को ट्रीट कर पाना मुश्किल साबित हो रहा है। अगर एएमए अपनी स्ट्राइक पर सोमवार को कायम रहा तो सरकारी हॉस्पिटल्स में भीड़ बढ़ने से चिकित्सा सुविधाओं की कमर टूट सकती है।

क्या है अध्यादेश

तीन वर्ष तक जेल व पचास हजार जुर्माना

उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा और संपत्ति की क्षति का निवारण) निवारण अधिनियम ख्0क्फ् के अंतर्गत किसी भी चिकित्सा सेवा परिचर्या सेवी कर्मी के विरुद्ध हिंसात्मक कृत्य किए जाने पर यह दंडनीय गैर जमानती अपराध होगा। साथ ही हॉस्पिटल की संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर तीन वर्ष तक की सजा व पचास हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। तोड़फोड़ में क्षतिग्रस्त उपकरणों के क्रय मूल्य की धनराशि और हॉस्पिटल की संपत्ति को हुई हानि के दोगुने का भुगतान करना होगा।