RANCHI : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता तभी सफलीभूत होगी जब अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचेगा। उन्होंने रविवार को बड़ाम, नामकुम में आयोजित विधिक सेवा सशक्तिकरण शिविर एवं समावेशी न्याय सदन के उद्घाटन के अवसर पर यह बातें कहीं। यहां गरीबों को नि:शुल्क कानूनी सहायता मिल सकेगी। इस न्याय सदन के माध्यम से न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका तीनों का कार्यसंचालन उनके पदाधिकारियों की उपस्थिति में जमीनी स्तर पर हो सकेगा।

एक साल में पांचवां आयोजन

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष में यह पांचवां आयोजन है जो झालसा (झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण) की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से 20 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं तथा 1,60,598 छात्र और छात्राओं को उनकी छात्रवृत्ति के 18 करोड़ 86 लाख 37 हजार रुपये सीधे उनके खाते में गए हैं। झालसा के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस डीएन पटेल ने विस्तार से समावेशी न्याय सदन के कायरें की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से जल्दी और त्वरित न्याय मिलता है। इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

21 माह में बनकर हुआ तैयार

7 नवंबर 2016 को सामाजिक न्याय सदन का शिलान्यास हुआ और 21 माह बाद इसका उद्घाटन हो रहा है। सीएम ने इसके लिए राज्यसभा सदस्य परिमल नाथवानी और झालसा के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस डीएन पटेल को भी बधाई दी। बड़ाम गांव का विकास सांसद आदर्श ग्राम के तहत हो रहा है।

समावेशी न्याय सदन में होंगी ये सुविधाएं

विशेष लोक अदालत

स्थायी लोक अदालत

प्रज्ञा केंद्र

पूछताछ काउंटर

नि:शुल्क विधिक सहायता केंद्र

मुखिया का कार्यालय

विधिक जागरूकता पुस्तकालय

प्रशिक्षण सभागार

ई-मेल एवं इंटरनेट सुविधा

लैंडलाइन टेलीफोन सुविधा

एनजेडीजी एवं सीआइएस

वेब कांफ्रेंसिंग