कहते हैं कि स्पेस चाहे घर में हो या रिलेशनशिप में हमेशा सुकून ही देता है. किसी भी रिश्ते की तरह बॉस और उसके एम्प्लाई के बीच का रिश्ता भी बेहद सेंसिटिव होता है और एक रिसर्च कहता है कि अगर इन रिश्तों में स्पेश दिया जाए तो काम का आउटपुट कई गुना तक बढ़ाया जा सकता है.

हाल ही में कर्मचारियों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बास की दी हुई वर्क फ्रीडम उनके एम्प्लाइज की पर्फार्मेंस में सुधार लाती है. काम के दौरान अगर उन पर किसी तरह का दबाव या अनड्यू इंटरफेयरेंस न हो तो वे बेहतर रिजल्ट देते हैं.

रिसर्च के मुताबिक एम्प्लाइज ने माना कि अगर उन्हें उनके तरीके से काम करने की फ्रीडम दी जाए तो वे बेहतर पर्फार्मेंस दे सकते हैं. इस रिसर्च में 21 हजार से ज्यादा एम्प्लाइज को शामिल किया गया था. दो तिहाई लोगों ने माना कि काम के दौरान बेकार की दखलंदाजी को खत्म करके कंपनी के प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सकता है.  इंटर्फेयरेंस को कम करना एम्प्लाइज की पहली पसंद रही.

वहीं अपने काम के घंटे खुद तय करने के आप्शन को 49 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया. 45 प्रतिशत से अधिक लोगों ने छोटी मीटिंग्स को मिनिमाइज करने की वकालत की. तीन प्रतिशत लोग ऐसे भी थे जिन्होने यह माना कि सोशल नेटवर्किग साइट को बैन कर कंपनी के प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सकता है.

फाइंडिग लाइफ बैलेंस के राइटर केरी फालोन होर्गन का कहना है कि लोग वर्कप्लेस पर लचीलेपन के साथ-साथ काम को कैसे और कब करने में पूरी आजादी चाहते हैं. होर्गन के मुताबिक खुद के तय घंटों में काम करने के दौरान लोगों में उत्साह और पाजिटिव थिंकिंग ज्यादा होती है. इससे प्रोडक्शन भी इफेक्टिव हो जाता है. रिसर्च में सुझाव दिया गया है कि बॉस अपने एम्प्लाइज को उनके मुताबिक काम करने की स्वतंत्रता देकर उनसे एक्सपेक्टेड रिजल्ट्स और प्रोडक्शन हासिल कर सकते हैं.

National News inextlive from India News Desk