रूस पर बढाया दवाब

अमेरिका ने इस मामले में रूस के ऊपर दवाब को बढाते हुए कहा है कि 'मलेशियाई एयरलाइंस के विमान को मार गिराया गया है. यह पूरी दुनिया के लिए त्रासदी है. इसकी जांच होनी चाहिए. सारी दुनिया की आंखें पूर्वी यूक्रेन पर जमी हैं और हम चाहेंगे कि सच्चाई सामने आए. इस बारे में कई गलत जानकारियां फैल रही हैं. संयुक्त राष्ट्र ने भी इस बात का समर्थन किया है.'

रूस के खिलाफ जारी रहेंगे प्रतिबंध

अमेरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर प्रतिबंधों को बरकरार रखते हुए कहा कि रूस जब तक यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे रूसी समर्थकों को सपोर्ट करना बंद नही कर देता तक प्रतिबंघ जारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि यह बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन को फोनवार्ता के दौरान अवगत करा दी गई है. गौरतलब है कि अमेरिका यूक्रेन और रूसी समर्थकों में मध्य सीजफायर चाहता है.

सब चाहते हैं अंतरराष्ट्रीय जांच

इस मामले में व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी किया है कि प्रेसीडेंट ओबामा की दुनियाभर के नेताओं से मलेशिया विमान हादसे के संदर्भ में बात हुई है. इन नेताओं में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट शामिल हैं. इन सभी ने इस विमान हादसे की क्विक, कंपलीट, सीजलैस और ट्रांसपेरेंट अंतरराष्ट्रीय जांच पर सहमति जताई है. इस बयान के अनुसार 'इन नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी सबूत यथास्थिति में और यूक्रेन में ही रहें.' अमरीकी राष्ट्रपति की ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से हुई बातचीत में एक बात पर सहमति बनी कि इस मामले की इंटरनेशनल इंवेस्टीगेशन होनी चाहिए.  इसके अलावा कैमरन-ओबामा वार्ता में रूस पर लगे प्रतिबंधों को कड़ा करने के अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा उठाए गए हालिया कदमों पर भी चर्चा की गई और रूस के रवैये में बदलाव ना आने की स्थिति में जरूरी कार्रवाई करने के बारे में बात की गई.

48 घंटों में पहुंचेगी इंटरपोल टीम

इस विमान हादसे में मरे लोगों की पहचान करने के लिए इंटरपोल की एक टीम अगले 48 घंटों में यूक्रेन पहुंच सकती है. यह खबर एएफपी की ओर से आई है. गौरतलब है कि इस विमान हादसे में तकरीबन 298 लोगों की जांच गई है. इनमें यूनाइटेड स्टेट्स का भी एक नागरिक शामिल है.

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