स्पेशल न्यूज

- 8 सौ स्वयं सहायता समूहों को सीडीओ ने सौंपी गांवों के ओडीएफ की जिम्मेदारी

- पिछले दिनों आयोजित मीटिंग में सीडीओ ने दिए थे सुझाव, महिलाओं ने दी सहमति

BAREILLY:

गांवों को ओडीएफ कराने के तमाम प्रयास फ्लॉप साबित होने के बाद अब सीडीओ ने यह जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों को सौंपी है। महिला सशक्तिकरण के लिए बनाए गए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भी गांव को ओडीएफ कराने के लिए जागरुकता अभियान चलाने पर सहमति जता दी है। सीडीओ सत्येंद्र कुमार के मुताबिक ओडीएफ कराने वाली टीम महिलाओं की होने पर जल्द ही गांव को ओडीएफ कराए जाने समेत महिला सशक्तिकरण में और अधिक बल मिलने की संभावना जताई है।

8 हजार महिलाएं संभालेंगी कमान

जिले में करीब 1500 स्वयं सहायता समूह संचालित हैं, जिसमें से 8 सौ समूह पूरी तरह एक्टिव हैं जो पंचकर्म के नियम को पूरा करते हैं। पंचकर्म के नियम को पूरा करने वाले समूह की करीब 8 हजार महिलाओं को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो सुबह सवेरे खुले में शौच पर जाने वाली महिलाओं को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, खुले में शौच पर जा रहे या वापस लौट रहे पुरुषों को भी अवेयर करेंगी। उन्हें जरूरत पड़ने पर 'शर्म करो' स्लोगन के तहत उन्हें शर्मसार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी स्वच्छकार बन स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के भी निर्देश दिए हैं।

टीम में हैं पुरुष स्वच्छकार

जिला पंचायती राज विभाग की ओर से बनाई गई स्वच्छकारों या ट्रिगरिंग टीम में ज्यादातर पुरुषों को ही शामिल किया गया है। जो पुरुषों को तो अवेयर कर रहे हैं, लेकिन वह महिलाओं को अवेयर करने में पीछे हैं। उन्होंने महिलाओं को अवेयर करने में छेड़खानी या बदसलूकी के आरोप लगाए जाने की संभावना जताई थी। जिसकी वजह से ओडीएफ अभियान परवान नहीं चढ़ पा रहा है। इसके अलावा पुलिस से भी उनकी आए दिन बहस होती रहती थी, जिसके बाबत स्वच्छकारों ने डीपीआरओ को पत्र लिखकर कार्य करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, डीपीआरओ ने एसएसपी को पत्र लिखकर स्वच्छकारों को परेशान न करने को लिखा था।

ताकि सबल बन सकें समूह

सीडीओ ने करीब माह भर पहले भी प्रत्येक ग्राम पंचायत में ओडीएफ टीम में महिलाओं को शामिल कराने के आदेश डीपीआरओ को दिए थे। काफी प्रयास के बाद भी 1193 ग्राम पंचायतों में से एक भी महिला ओडीएफ टीम में शामिल नहीं हुई। पिछले दिनों विकास भवन में आयोजित एनआरएलएम की मीटिंग में सीडीओ ने मौजूद स्वयं सहायता समूहों की करीब दो सौ से ज्यादा महिलाओं को ओडीएफ और स्वच्छ भारत मिशन अभियान का हिस्सा बनने की सलाह दी। साथ ही, स्वच्छकार बनने पर उनको मानदेय देने के निर्देश दिए हैं। ताकि वह खुद को सबल बन कर महिला सशक्तिकरण को गति प्रदान करने में सहायक बन सकें।

एक नजर में

- 1193 ग्राम पंचायत हैं जिले में

- 1500 स्वयं सहायता समूह हैं

- 8 सौ एक्टिव स्वयं सहायता समूह

- 8-10 महिलाएं हैं प्रत्येक समूह में

- 8000 महिला के शामिल होने की संभावना

- 22 सौ राजस्व ग्राम, 43 गांव हैं ओडीएफ

समूह की महिलाओं ने ओडीएफ अभियान में शामिल होने पर सहमति जताई है। समूहों का सशक्तिकरण होने के साथ ही ओडीएफ अभियान में तेजी आएगी।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ

ओडीएफ अभियान में महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपना अच्छी पहल है। इस योजना से महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा और लोग भी अवेयर होंगे।

जासमीन खान, संचालिका, एनजीओ

पुरुष स्वच्छकार अभियान के संचालन से ज्यादा विभाग से प्राप्त परमिशन लेटर को जरिया बनाकर धौंस जमाते हैं। महिलाएं बेहतर कार्य करेंगी।

लालचंद, प्रधान