जन समस्याओं के निस्तारण में पुलिस विभाग सबसे ज्यादा लापरवाह

समस्त एसडीएम, तहसीलदार समेत कई अधिकारियों का रोका वेतन

ALLAHABAD: सीएम योगी आदित्यनाथ जन समस्याओं के निस्तारण को लेकर लाख गंभीरता बरतें लेकिन जमीनी स्तर पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे हैं। उन्हें फरियादियों की गुहार सुनाई नही पड़ती। हालात यह हैं कि डीएम की तो छोडि़ए, यह अधिकारी सीएम द्वारा भेजी गई जन शिकायतों का निस्तारण करने में भी रुचि नही ले रहे हैं। शुक्रवार को इसकी समीक्षा की गई तो खुद डीएम संजय कुमार के होश उड़ गए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों का वेतन रोकते हुए तीन दिन में शिकायतों के निस्तारण के आदेश दिए हैं। बता दें शिकायतों के निस्तारण में बरती जाने वाली यह लापरवाही 29 मई को सीएम के आगमन पर पुलिस व प्रशासन पर भारी पड़ सकती है।

सबसे आगे है पुलिस विभाग

जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वालों में पुलिस विभाग सबसे आगे है। इन पर सर्वाधिक 329 शिकायतें लंबित पड़ी हैं। इनमें सीएम और डीएम संदर्भित सहित ऑनलाइन शिकायतें भी शामिल हैं। दूसरे नंबर पर तहसीलदार हंडिया हैं। इसके अलावा एसडीएम फूलपुर और करछना भी शिकायतों के निस्तारण में काफी पीछे हैं। आइए जानते हैं किसकी कितनी शिकायतें हैं लंबित।

विभाग सीएम संदर्भित डीएम संदर्भित ऑनलाइन कुल लंबित शिकायतें

पुलिस 22 237 13 329

सीएमओ 3 19 12 45

बीएसए 2 28 12 45

आबकारी 2 17 9 32

पंचायत राज 7 20 42 32

लीड बैंक 12 28 0 40

एसडीएम करछना 19 49 40 130

एसडीएम फूलपुर 26 70 20 163

एसडीएम सोरांव 10 62 21 104

हंडिया तहसील 0 45 10 196

कोरांव तहसील 0 21 2 169

सदर तहसील 5 12 6 105

(इनमें पीजी पोर्टल, सीएससी और तहसील दिवस में आई शिकायतें भी शामिल हैं)

दो दिन बाद आएंगे सीएम

बता दें कि 29 मई को सीएम इलाहाबाद में विकास कार्यो की समीक्षा बैठक में शामिल होने आ रहे हैं। इस दौरान लंबित शिकायतों के निस्तारण में बरती गई लापरवाही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का सबब बन सकती है। डीएम ने इस मामले में सभी एसडीएम, तहसीलदार, बीएसए, पंचायत राज अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, लीड बैंक, सीओ मेजा, आबकारी अधिकारी, खंड विकास अधिकारी आदि का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। साथ ही शिकायतों के निस्तारण तीन दिन में करके वेबसाइट पर अपलोड करने को भी कहा है।