- उद्योग मंत्री सतीश महाना की क्लास में फेल हुए कई जिलों के अफसर

- प्रमुख सचिव ने भी लगाई क्लास, कहा- सस्पेंड करने लायक कई अफसर

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रुष्टयहृह्रङ्ख:

राज्य सरकार सूबे के विकास को रफ्तार देने के लिए कई आकर्षक नीतियां लेकर आ रही है, प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछाने को यूपी इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है, इसके बावजूद सूबे के कुछ अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे। कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार को उद्योग मंत्री सतीश महाना द्वारा आयोजित जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्तों की बैठक में देखने को मिला जहां ज्यादातर अफसर नई उद्योग नीति और एमएसएमई नीति के बारे में भी नहीं बता सके। हार कर मंत्री को भी फटकारते हुए यह कहना पड़ा कि आप लोग अपने स्वार्थ की वजह से उद्यमियों को लोन सर्टिफिकेट तो बांट देते हो, लेकिन उद्योग लगाया गया कि नहीं, यह जांचने के लिए अपनी कुर्सी से उठना तक नहीं चाहते।

प्रमुख सचिव ने भी फटकारा

मंत्री के संबोधन के बाद प्रमुख सचिव एमएसएमई अनिल कुमार ने भी अफसरों की जमकर क्लास ली। उन्होंने कहा कि आप लोगों की वजह से मुझे आज शर्मिदा होना पड़ रहा है। आप में से ज्यादातर अफसर ऐसे हैं जिन्हें सस्पेंड करना ही ठीक होगा। प्रमुख सचिव की बात सुनकर जवाब न दे पाने वाले तमाम अफसरों के चेहरे लटक गये। दरअसल जब मंत्री ने उद्योग नीति के बारे में पूछा तो करीब 150 अफसरों में से आधा दर्जन लोगों ने ही हाथ खड़ा किया। यही हाल एमएसएमई नीति का भी रहा। महाना ने उनसे कहा कि हमें सीएम के नेतृत्व में एक टीम की तरह कार्य करना होगा। उद्यमियों और उद्योगपतियों के बीच यह संदेश जाना चाहिए कि जिला उद्योग केंद्र स्तर तक सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। जो लोग इस मुहिम में शामिल नहीं होंगे, राज्य सरकार उन्हें घर पर बैठाने में जरा भी गुरेज नहीं करेगी। आप लोग जिस विभाग में काम करते हैं, उसकी नीति के बारे में भी नहीं पता है।

लापरवाहों से मांगेंगे जवाब

महाना ने कहा कि औद्योगिक विकास से संबंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा। समय पर अनुमतियां जारी न करने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर निवेश के लिए एमओयू पर जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त हस्ताक्षर कर सकते हैं। इंवेस्टर्स समिट में देश भर के निवेशक आ रहे हैं लिहाजा यह जरूरी है कि जिले के उद्यमी इस आयोजन में शामिल होने से छूट न जाएं। इसके लिए प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्रयास करने होंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार सिन्हा, सचिव औद्योगिक विकास एवं अधिशासी निदेशक उद्योग बंधु संतोष कुमार यादव, सचिव औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना एवं निदेशक पिकप अलकनंदा दयाल समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे।