- पूर्व अधिकारियों की दास्तां जिन्होंने नौकरी के बाद राजनीति में हासिल किया मुकाम

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW : राजनीति..एक ऐसा क्षेत्र जिसकी ओर सभी फील्ड के लोग खिंचे चले आते हैं. कुछ कुर्सी की चाह में तो कुछ ग्लैमर की तलाश में. वहीं, कुछ अपनी पावर को बरकरार या उसमें इजाफे की इच्छा को लेकर. वर्तमान में कई ऐसे पूर्व अधिकारी भी हैं जिन्होंने न सिर्फ अपनी नौकरी के दौरान बेहतरीन काम किया बल्कि, राजनीति में भी उन्होंने ऊंचा मुकाम हासिल किया. आइये आपको बताते हैं कुछ ऐसी की शख्सियतों के बारे में जिन्होंने नौकरी के बाद राजनीति के मैदान में झंडे गाड़े और खांटी राजनीतिज्ञों को नाको चने चबवा दिये.

जनरल वीके सिंह

पूर्व थल सेनाध्यक्ष

हरियाणा के भिवानी जिले में स्थित बपोरा गांव में 10 मई 1951 में जन्मे वीके सिंह ने राजस्थान के पिलानी स्थित बिड़ला स्कूल से शिक्षा हासिल की. 14 जून 1970 को उन्होंने 2 राजपूत रेजिमेंट में पहली तैनाती के बाद वीके सिंह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1971 के भारत-पाक युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे किये. ऑपरेशन पवन में भी टास्क को बखूबी हासिल किया. सेवा में अप्रतिम योगदान के लिये परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और युद्ध सेवा मेडल से नवाजे गए. 31 मई 2012 को 26 मई तक थल सेनाध्यक्ष पद पर रहने के बाद सेवा से रिटायर हुए. इसके बाद अन्ना आंदोलन से जुड़े और 1 मार्च 2014 को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति में कदम रखा और गाजियाबाद संसदीय सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की. मोदी सरकार में उन्हें विदेश राज्यमंत्री पद दिया गया.

बॉक्स..................

पीएल पुनिया

पूर्व आईएएस अधिकारी

पूर्व में पंजाब के जिले झज्जर (अब हरियाणा) में 23 जनवरी 1945 में जन्मे पन्ना लाल पुनिया ने पंजाब यूनिवर्सिटी से एमए की शिक्षा ग्रहण की. उसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी करने के बाद 1970 में इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज में सेलेक्ट हुए. डीएम अलीगढ़ पद से करियर शुरू करने वाले पुनिया यूपी के चीफ सेक्रेटरी के पद तक पहुंचे. तत्कालीन सीएम मायावती के सबसे खास अफसरों में शुमार रहे पीएल पुनिया ने हालांकि, रिटायर होने के बाद राजनीति के लिये बीएसपी से इतर कांग्रेस की राह चुनी. वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर बाराबंकी सुरक्षित लोकसभा सीट से जीत हासिल की. इसके अलावा वे वर्ष 2010 से 2017 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे. वर्तमान में पुनिया राज्यसभा सांसद हैं.

बॉक्स.......

सत्यपाल सिंह

पूर्व आईपीएस

बागपत के बसौली गांव में 29 नवंबर 1955 को जन्मे सत्यपाल सिंह ने अपनी शिक्षा बड़ौत के दिगंबर कॉलेज से पूरी की. केमिस्ट्री विषय के साथ एमएससी करने वाले सिंह ने इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम फिल किया. वे 1980 में आईपीएस में सेलेक्ट हुए. महाराष्ट्र कैडर मिलने पर उनकी पहली पोस्टिंग नासिक में ज्वाइंट कमिश्नर के रूप में हुई. 90 के दशक में मुंबई में पोस्टिंग के दौरान छोटा राजन, अरुण गवली और छोटा शकील के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर इन गैंगों की कमर तोड़ दी. 23 अगस्त 2012 को मुंबई पुलिस कमिश्नर पद पर ज्वाइन किया. कार्यकाल के दौरान मुंबई में संगठित अपराध के खिलाफ अभियान चलाया. 31 जनवरी 2014 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर 2 फरवरी 2014 को मेरठ में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में बीजेपी ज्वाइन किया. जिसके बाद बागपत सीट से बीजेपी के टिकट पर पश्चिमी यूपी के धुरंधर राजनीतिज्ञ अजित सिंह को धूल चटा दी.

बॉक्स..................

बृजलाल

पूर्व आईपीएस अफसर

सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ में जन्मे बृजलाल ने 1977 आईपीएस में सेलेक्ट हुए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनाती के दौरान उन्होंने अपनी छवि तेजतर्रार अफसर के रूप में बनाई. ईमानदार छवि के लिये मशहूर बृजलाल को उत्कृष्ट सेवा के लिये चार बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है. कार्यकाल के दौरान 100 से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर करने वाले बृजलाल ने एक समय प्रदेश के अंडरव‌र्ल्ड में खौफ कायम कर दिया था. बीएसपी सरकार के दौरान उन्हें एडीली लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया. उनकी कार्यशैली और छवि को देखते हुए कई सीनियर अफसरों को नजरंदाज करते हुए तत्कालीन सीएम मायावती ने उन्हें वर्ष 2011 में डीजीपी बनाया. नवंबर 2014 में बृजलाल रिटायर हुए लेकिन, उन्होंने राजनीति के लिये बीजेपी को चुना और सक्रिय राजनीति में आ गए. यूपी में योगी सरकार ने अप्रैल 2018 में बृजलाल को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया. चर्चा है कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ सकते हैं.

बॉ्क्स.......................

प्रीता हरित

पूर्व आईआरएस अफसर

हरियाणा के पलवल में जन्मी प्रीता हरित ने 1987 में 22 साल की उम्र में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की. उन्होंने देशभर में 22वीं पोजीशन शामिल की. पढ़ाई में बेहद मेधावी प्रीता का 11 बार उच्च सरकारी सेवाओं में सेलेक्शन हुआ. वे तीन बार आईपीएस के लिये चुनी गई प्रीता ने आईआरएस चुना. वे दिल्ली की इनकम टैक्स कमिश्नर पद पर रहीं. वर्तमान में वे मेरठ में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल कमिश्नर के पद पर तैनात थीं. दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रीता हरित बहुजन सम्यक संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने बीते दिनों नौकरी से इस्तीफा दे दिया और 20 मार्च को राजबब्बर की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों की जारी सातवीं लिस्ट में आगरा सुरक्षित सीट से उन्हें उम्मीदवार घोषित किया गया. पिछली बार आगरा से बीजेपी उम्मीदवार रामशंकर कठेरिया ने जीत हासिल की थी. हालांकि, बीजेपी ने इस सीट से प्रत्याशी बदल दिया है. प्रीता पूरे दमखम के साथ चुनाव में उतरने का दावा करती हैं.

बॉक्स.......................

अरविंद केजरीवाल

पूर्व आईआरएस

हरियाणा के हिसार में 16 अगस्त 1962 में जन्मे अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 1989 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक की परीक्षा उत्तीर्ण की. 1992 मे सिविल सर्विसेज परीक्षा उत्तीर्ण की और आईआरएस में उनका सेलेक्शन हुआ. उन्हें दिल्ली में कमिश्नर इनकम टैक्स ऑफिस में पहली नियुक्ति मिली. हालांकि, नौकरी के दौरान वे सामाजिक सरोकार से जुड़े रहे. जनवरी 2000 में उन्होंने छुट्टी ले ली और दिल्ली बेस्ड एनजीओ 'परिवर्तन' की स्थापना की. फरवरी 2006 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरे समय 'परिवर्तन' के लिये काम करने लगे. आरटीआई के लिये आंदोलन चलाया. आरटीआई कानून संसद में पास होने के बाद इसे लेकर जागरूक्ता अभियान चलाया. यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन का प्रमुख हिस्सा बने अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन किया. वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया. 2014 में लोकसभा चुनाव में वाराणसी में नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा. हालांकि, उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2015 में केजरीवाल दिल्ली के दोबारा मुख्यमंत्री बने.