सब पर है निगाह

हालांकि जेल में सभी बंदियों और कैदियों पर सिपाहियों की निगाह रहती है, मगर इस टाइम जेल एडमिनिस्ट्रेशन कुछ अपराधियों पर विशेष नजर रख रहा है। जिन पर जरा भी संदेह होता है उनके रूटीन पर निगाह रखने के साथ उनसे मिलने आने वाले हर शख्स की जांच-पड़ताल की जा रही है। हालांकि जेल एडमिनिस्ट्रेशन का मानना है कि जेलर हत्याकांड से जुड़े पहलुओं पर पुलिस बेहतर जांच कर रही है। सोर्सेज के मुताबिक पुलिस भी हाल में सरेंडर करने वाले क्रिमिनल्स पर निगाह रखने के साथ-साथ पड़ताल भी कर रही है।

मिलती रहीं है धमकियां

वाराणसी जेलर की हत्या ने क्रिमिनल्स के बुलंद हौसले की कहानी बयां की है तो पुलिस की पोल भी खोल दी है। गोरखपुर जेल के क्रिमिनल्स भी ऐसी घटना को अंजाम दे सकते थे, मगर खुशकिस्मत अफसर और बद्किस्मत क्रिमिनल्स के चलते सब कुछ ठीक रहा। गोरखपुर जेल के डिप्टी जेलर कमलेश को जान से मारने की धमकी मिली थी तो उसकी प्लानिंग भी गोरखपुर जेल में ही हो रही थी। वहीं जेलर नवमी लाल को भी शातिर विकास सिंह ने जान से मारने की धमकी दी थी। हालांकि बाद में विकास और उसके साथी का मऊ में एनकाउंटर हो गया।

खुद की मांगी सुरक्षा

सैकड़ों अपराधियों के बीच रहने वाले जेल के अफसर भले ही कॉमन मैन को सुरक्षित रख रहे हों, मगर अब उनकी ही सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। वाराणसी जेलर की हत्या ने एक बड़ा सवाल खड़ा दिया है। खुद की सेफ्टी के लिए जेलर एसोसिएशन ने शासन से पुलिस सिक्योरिटी की मांग की है। क्योंकि जेल में तैनात जेलर, डिप्टी जेलर की सिक्योरिटी के लिए एक भी सिपाही तैनात नहीं रहता है। जबकि इनका काम जोखिम भरा है। हालांकि शासन ने अभी इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है।

जेल में बंद हर शख्स पर निगाह रखी जा रही है। बंदी और कैदियों से मिलने आने वाले लोगों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जरा भी संदेह होने पर मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई जाएगी।

राजेश मौर्या, जेलर