डीएम ने जारी किए आदेश, सीडीओ देखेंगे व्यवस्था, बनेगा कंट्रोल रूम

BAREILLY:

अक्सर जरूरत के वक्त अधिकारी नहीं मिलते। फोन 'नॉट रिचेबल' बताता है। और फिर सहारनपुर जैसी बड़ी वारदात हो जाती है। ऐसी घटनाओं को जल्द से जल्द रोकने और अधिकारियों को अलर्ट करने के लिए अब शासन ने अधिकारियों की गाडि़यों में जीपीएस सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विकास भवन में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जिसका जिम्मा डीएम ने सीडीओ सत्येंद्र कुमार को सौंपा है। खुद डीएम डॉ। पिंकी जोवल ने सीडीओ सत्येंद्र कुमार को भेजे पत्र में कहा है कि जिले के सभी बीडीओ व जिला स्तरीय अधिकारियों के वाहनों में जीपीएस सिस्टम स्थापित करा दिया जाए।

जीपीएस यूं करता है काम

जीपीएस के जरिए कम से कम तीन सैटेलाइट के साथ एक जीपीएस रिसीवर की टू डी यानी लैटीट्यूट व लौंगीट्यूट पोजीशन पता की जाती है। थ्री डी यानी जिसमें ऊंचाई भी शामिल है, पोजीशन पता करने के लिए कम से कम चार सैटेलाइट का सहारा लेना पड़ता है। एक बार जब इन सभी का पता चल जाता है और जीपीएस रिसीवर सैटेलाइट से लिंक हो जाता है तो अन्य जानकारियां जैसे गति, दूरी और किसी जगह पर पहुंचने में लगने वाले समय की भी गणना कर ली जाती है।

जीपीएस लॉकिंग

इस सिस्टम से ही किसी भी चीज की जगह का सही पता लगाया जाता है। जीपीएस लॉक ट्रैकर की गति पर निर्भर करता है। जैसे कि अगर कोई गाड़ी चला रहा है तो एक्यूरेसी कम होगी और उसकी सही लोकेशन का पता लगाने में भी समय लगेगा। जीपीएस लॉकिंग इस बात पर निर्भर करती है कि किस तरह से जीपीएस रिसीवर को शुरु किया गया है। यह हॉट, वार्म व कोल्ड तीन तरह का होता है।

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जीपीएस सिस्टम गाडि़यों में जल्द ही लगाने की तैयारी की जा रही है। सभी विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी। गाडि़यों की संख्या का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ