छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने आटा के समक्ष रखी अपनी बात

सोशल साइट्स से यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स को जोड़कर चलेगा आंदोलन

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में न्यू एकेडमिक सेशन 2016-17 के ऑनलाइन एडमिशन प्रॉसेस के विरोध में छात्रों की महापंचायत बुलाई जाएगी। इसकी घोषणा छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने की है। उन्होंने ट्यूजडे को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (आटा) के प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट से मिलकर अपनी बात रखी और उन्हें ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों से जुड़ी समस्या बताई। उन्होंने आटा पदाधिकारियों से छात्र हित के लिए आगे आकर आवाज उठाने की अपील की है।

ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी हो

छात्रसंघ अध्यक्ष की मांग है कि यूनिवर्सिटी में पीजी, लॉ, क्रेट समेत सभी परीक्षाएं ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन मोड में भी कंडक्ट करवाई जाएं। ऋचा सिंह ने आटा प्रेसिडेंट प्रो। रामसेवक दुबे एवं वाइस प्रेसिडेंट प्रो। एआर सिद्दीकी को बताया कि प्रवेश परीक्षा में केवल ऑनलाइन एग्जाम का आप्शन देने से ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि इसका असर करेंट में चल रहे ऑनलाइन आवेदन में भी देखा जा सकता है। शिक्षक संघ से मांग की गई है कि वह एक ज्वाइंट काउंसिल बनाएं। जिसमें शिक्षक संघ, छात्रसंघ एवं कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि हों और उसमें ऑफलाइन परीक्षा के प्रस्ताव को पारित करवाया जाए। क्योंकि यह सीधे तौर पर विश्वविद्यालय के विकास को बाधित करने का मामला है।

एयू में ही ऐसा क्यों

छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि जेएनयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी, बीएचयू और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसी यूनिवर्सिटी में भी ऑफलाइन परीक्षाएं करवाई जाती हैं। ऐसे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का यह कहना कि यूजीसी ने ऑनलाइन परीक्षाएं करवाने के लिए बाउंड किया है, कहां तक जायज है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में यूजी कोर्सेज में सभी जगहों पर कम्प्यूटर का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों से यह उम्मीद करना की वे सीधे कम्प्यूटर पर परीक्षा दें। उन्हें होड़ से बाहर कर देगा।

आन्दोलन की बनेगी रणनीति

छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह का कहना है कि ऑफलाइन परीक्षा की मांग को लेकर फेसबुक पर एक पेज बनाया जा रहा है, जिसमें वेडनसडे से छात्र जुड़ सकते हैं। इसके अलावा छात्रों का एक ग्रुप वाह्टएप पर भी होगा। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए देशभर की यूनिवर्सिटी को आन्दोलन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय के लिए सभी छात्र संगठनों की एक बैठक थर्सडे को बुलाई जाएगी। इसमें विरोध प्रदर्शन से लेकर आमरण अनशन तक की रणनीति तय की जाएगी। छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि यह अपने आप में बड़ा सवाल है कि पूरे छात्र समुदाय से जुड़े इस निर्णय को बहुत बाद में एकेडमिक काउंसिल में क्यों ले जाया गया?

क्रेट के नोटिफिकेशन पर भी सवाल

उधर, छात्रसंघ अध्यक्ष ने कंबाइंड रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट के नोटिफिकेशन पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि क्रेट का आवेदन भले ही शुरू कर दिया गया। लेकिन सभी विभागों से वैकेंट सीटों का ब्यौरा पूरी तरह से नहीं जुटाया गया है। यह सीधे तौर पर क्रेट के अभ्यर्थियों के आंख में धूल झोंकने की तरह है। बता दें कि क्रेट के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि नौ मई एवं फीस तथा ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 मई है। क्रेट की परीक्षा 25 से 30 मई के बीच होनी है। इसका रिजल्ट 15 जून से पहले घोषित कर दिया जाएगा।

छात्रसंघ अध्यक्ष ने अपनी बात हमसे मिलकर कही है। मैं इस मसले पर आटा के सभी सदस्यों से बात करूंगा। बातचीत के बाद जो निष्कर्ष निकलेगा, उस पर अमल किया जाएगा।

प्रो। रामसेवक दुबे, प्रेसिडेंट आटा