-वन टाइम पे टैक्स की व्यवस्था खत्म,

- 15 साल पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन का कराना होगा रिन्यूअल

- वन टाइम पे टैक्स की कुल राशि का 10 परसेंट देना होगा ग्रीन टैक्स

BAREILLY:

वन टाइम पे टैक्स सिस्टम अब बीते दिनों की बात होगी क्योंकि, अब पर्यावरण बचाने के लिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है। लिहाजा, जिन प्राइवेट वाहनों के रजिस्ट्रेशन की मियाद क्भ् साल पूरी हो गई हैं, उन वाहनों के रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल कराना होगा। जिसके एवज में वन टाइम पे टैक्स की कुल राशि का क्0 परसेंट रजिस्ट्रेशन रिन्यूवल फी के रूप में देना होगा।

तो पब्लिक प्लेस पर वाहन चलाना होगा प्रतिबंधित

पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल न कराने वाले वाहनों को पब्लिक प्लेस पर चलाना भी प्रतिबंधित होगा। शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि वाहन ओनर्स ग्रीन टैक्स जमा नहीं करता है तो, वह एमवी एक्ट की धारा (ब्) की उपधारा (क्) के अंतर्गत प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल बरेली ही नहीं यूपी के किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं कर सकता है। वाहन के संबंध में जारी नया टैक्स जमा कर देने पर ही वाहन ओनर्स को सार्वजनिक स्थान पर वाहन चलाने की स्वतंत्रता रहेगी।

वन टाइम टैक्स का क्0 परसेंट

नए वाहनों पर 7 परसेंट टैक्स वसूल किया जाता है, जिसे अभी तक वन टाइम पे टैक्स माना जाता है। ग्रीन टैक्स क व्यवस्था के बाद वन टाइम पे टैक्स की कुल रकम का दस परसेंट ग्रीन टैक्स देना होगा।

इसलिए ग्रीन टैक्स िदया गया नाम

अधिकारियों की मानें तो, इस टैक्स को इस लिए लागू किया है, क्योंकि, वाहन पुराने होने पर उनसे धुंआ काफी निकलता है। इस धुंए से वायु प्रदूषण बढ़ता है। सरकार का यह तर्क है कि पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है कि पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराया जाए। इससे मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण में किया जाएगा। इसकी वजह से इसे ग्रीन टैक्स (हरित कर) का नाम दिया गया है।

तैयार की जा रही लिस्ट

मुख्यालय लखनऊ से इस संबंध में निर्देश मिलते ही आरटीओ विभाग ने पुरानी वाहनों का लिस्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। आरटीओ इंफोर्समेंट ने आरआई को जल्द से जल्द लिस्ट तैयार करने को कहा है। अधिकारियों की मानें तो, बरेली डिस्ट्रिक्ट में क्भ् साल पुराने जितने भी वाहन है उनकी लिस्ट क्भ् फरवरी तक तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद वाहन ओनर्स को बाई पोस्ट टैक्स जमा करने की सूचना भेजी जाएगी। यदि इसके बाद वाहन ओनर्स ग्रीन टैक्स जमा नहीं करते है तो, उनके खिलाफ एमवी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नहीं करते है सरेंडर

अभी तक यह व्यवस्था नहीं होने से वाहन ओनर्स पुराने वाहनों को सरेंडर करना भी उचित नहीं समझते है। जबकि, एमवी एक्ट के मुताबिक, इस्तेमाल नहीं होने वाले वाहनों को आरटीओ विभाग में सरेंडर करना होता है। इसके बाद विभाग आगे की कार्रवाई करते हुए इंजन नंबर की कटिंग कर उस नंबर से जारी वाहन के रजिस्ट्रेशन को खत्म कर देता है। लेकिन प्राय: ऐसा नहीं होने से काफी दिक्कत होती है। कई बार तो, वाहन ओनर बिना विभाग को सूचना दिए ही वाहनों को कबाडि़यों या किसी दूसरे के हाथों में बेच देते है। जिसका दुरुपयोग चोरी, मर्डर जैसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

हजारों की संख्या में पुराने वाहन

बरेली रीजन में प्राइवेट वाहनों की संख्या हजारों है। बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में टोटल प्राइवेट वाहनों की संख्या करीब एक लाख हैं। इनमें से सिर्फ बरेली डिस्ट्रिक्ट में ही फ्म् हजार से अधिक वाहन हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पुराने वाहनों की संख्या ख्0 हजार के आस-पास है। जिन्होंने क्भ् साल की मियाद पूरी कर ली है। प्राइवेट और कॉमर्शियल वाहनों को मिलाकर आरटीओ विभाग को रोजाना क्भ् लाख टैक्स प्राप्त हो रही है। इनमें से प्राइवेट वाहनों का टैक्स ब्0 परसेंट तक है।

इस संबंध में सर्कुलर प्राप्त हो चुका है। ग्रीन टैक्स से जितना भी राजस्व की वसूली होगी उसका इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण में होना है। इस व्यवस्था के बाद काफी हद तक पर्यावरण संरक्षण में हेल्प मिलेगी। इस महीने से सभी वाहन ओनर को सूचना भेजने का काम शुरू कर दिया जाएगा। यदि, टैक्स जमा नहीं करता है तो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

संजय सिंह, आरटीओ इंफोर्समेंट