फ्लैग : आरयू कैंपस के सेवायोजन ऑफिस में कॉम्पटीशन की तैयार के लिए बनाई गई लाइब्रेरी में 2011 से नहीं आई नई किताबें

- स्टूडेंटस ने शो पीा बनकर रह गई लाइब्रेरी में आना छोड़ा

- सेवायोजन ऑफिस ने कहा, 2011 से बजट आया ही नहीं

- आरयू के डीएसडब्ल्यू बोले, लाइब्रेरी हमारी नहीं, सेवायोजन की

BAREILLY :

आरयू सात साल पुरानी किताबों से अपने स्टूडेंटस को सिविल सर्विसेज और अन्य कॉम्पटीशन की तैयारी कराने में जुटा है। इसलिए, कैंपस के सेवायोजन ऑफिस में कॉम्पटीशन की तैयारी के लिए बनाई गई लाइब्रेरी में स्टूडेंटस ने आना ही छोड़ दिया है। 2011 में खुली इस लाइब्रेरी में तब से नई किताबें आई ही नहीं हैं।

सेवायोजन ऑफिस का कहना है कि 2011 से लाइब्रेरी के लिए बजट आया ही नहीं है और बजट आरयू को ही इश्यू करना है। इस वजह से नई किताबें नहीं आई है। उधर, स्टूडेंटस का वेल्फेयर देखने वाले आरयू के डीएसडब्ल्यू एके जेटली का कहना है कि लाइब्रेरी हमारी नहीं है। यह सेवायोजन की है।

2009 में बना था सेंटर

आरयू कैंपस में 2009 में सेवायोजन सूचना एवं मंत्रणा सेंटर बनाया गया था। इसका उद्देश्य सेवायोजन कार्यालय से संबंधित जानकारी स्टूडेंट्स को देने के साथ रजिस्ट्रेशन आदि भी कराना था। सेवायोजन विभाग को भी इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। इसी डिपार्टमेंट में आरयू ने कॉम्पटीशन की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स लिए 2011 में लाइब्रेरी भी खोली थी।

इन कॉम्पटीशन की हैं किताबें

लाइब्रेरी में सिविल सर्विसेज, गेट, इंजीनियरिंग, पीओ और जनरल नॉलेज से जुड़ी किताबें रखी गई थीं। 2012 तक इन किताबों का कंटेंट स्टूडेंट्स के लिए यूजफुल था। 2013 के बाद जनरल नॉलेज और अन्य किताबों का कंटेंट पुराना हो गया था। इससे वहां कॉम्पटीशन की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स आने कम हो गए। इस वजह से लाइब्रेरी में खाली पड़ी टेबल पर स्टूडेंट्स अब लंच करने आते हैं।

लाइब्रेरी बनी डाइनिंग एरिया

अब इसे आरयू का स्टूडेंट्स के साथ धोखा ही कहा जाएगा कि सात साल पुरानी किताबें पढ़कर कोई 2018 में कॉम्पटीशन एग्जाम कैसे दे पाएगा। यही हाल लाइब्रेरी में रखी अन्य किताबों का भी हैं।

नहीं मिला रोजगार समाचार पत्र

यहां कॅम्प्टीशन बुक्स की बात तो छोडि़ए रोजगार समाचार पत्र भी दिखाई नहीं देतां। पूछने के बाद भी लाइब्रेरी में रोजगार समाचार पत्र नहीं मिला। बताया गया कि इस माह आया ही नहीं।

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सही है, किताबें पुरानी हैं

आरयू में सेवायोजन सूचना एवं मंत्रणा विभाग में कॉम्पटीशन की तैयारी के लिए जो बुक्स हैं, वे पुरानी हैं। यह सही है। आरयू नई किताबों के लिए बजट ही इश्यू नहीं कर रहा है।

आशा आर्या, क्षेत्रीय सेवायोजन

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लाइब्रेरी में समय होता है खराब

पुरानी बुक्स से कॉम्पटीशन की तैयारी कैसे हो सकती है? लाइब्रेरी में आकर तो सिर्फ समय खराब होता है। कई बार तो लाइब्रेरी में कोई मिलता भी नहीं है। जो एक बार आता है वह दोबारा आना नहीं चाहता है।

शिवम

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लाइब्रेरी से कोई लाभ नहीं

लाइब्रेरी में पुरानी बुक्स हटाकर नहीं बुक्स आनी चाहिए। ताकि स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी का लाभ मिल सके। इस लाइब्रेरी का स्टूडेंट्स को कोई लाभ तो नहीं लेकिन बुक्स देखने आने में समय और खराब होता है।

नितिन

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