-क्योंकि 150 वर्ष पुराने यमुना पुल से गुजरती हैं ट्रेनें

-जिस पुल पर हरदा में हुआ हादसा वो था आर्क पद्धति यानी अंग्रेजों के जमाने का बना

-इलाहाबाद का यमुना पुल भी हो चुका है 150 साल पुराना, जिसे अंग्रेजों ने था बनाया

-पुराने पुलों को लेकर रेलवे पुल विभाग रेल मंत्रालय सौंप चुका है रिपोर्ट

balaji.kesharweani@inext.co.in

ALLAHABAD: मध्य प्रदेश के हरदा में काली माचक नदी पर बने पुल से गुजरने के दौरान कामायनी और जनता एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हुई तो जांच के बाद पता चला कि जिस पुल से ट्रेन गुजर रही थी, वो करीब सौ साल पुराना था और अंग्रेजों के जमाने में आर्क पद्धति से बना था। इससे खतरे की सूई इलाहाबाद की तरफ भी घूम गई है। रेलवे एलर्ट नहीं हुआ तो हरदा जैसी कहानी यहां भी दोहराई जा सकती है। देश के सबसे पुराने पुलों में एक यमुना नदी पर बना ओल्ड यमुना ब्रिज भी है। यह पुल 150 वर्ष पुराना हो चुका है। रेलवे पुल डिपार्टमेंट पुल की उम्र को लेकर एलर्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय को दे चुका है।

देश में 36 हजार पुल हैं खतरनाक

देश भर में ऐसे हजारों पुल हैं, जो सौ साल से अधिक पुराने हो गए हैं। इन पुलों पर से अभी भी ट्रेनें गुजारी जा रही हैं। रेलवे डिपार्टमेंट की मानें तो भारत में करीब 36 हजार पुल ऐसे हैं, जो पुराने और खतरनाक हो चुके हैं। जिनकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है। ऐसा नहीं है कि रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय को इसकी जानकारी नहीं है। रेलवे के पुल डिपार्टमेंट तो बकायदा इसकी रिपोर्ट भी तैयार की है। जो रेलवे बोर्ड को सौंपी गई है। रिपोर्ट में दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-अंबाला, दिल्ली अहमदाबाद, मुंबई-हावड़ा के साथ ही अन्य रूटों के पुल भी शामिल हैं।

डिब्बे बढ़े और बोझ भी बढ़ा

1865 में जब यमुना पुल पर पुल बना था। तो उस समय गिनती की ही ट्रेनें चलती थीं। नहीं उस समय चलने वाली ट्रेनों में डिब्बों की संख्या भी कम होती थी। मालगाड़ी का भी लोड 2000 टन से ज्यादा नहीं होता था। अब तो पांच हजार से 5500 टन लोड वाली मालगाडि़यां ट्रैक पर दौड़ रही हैं। एक तरफ जहां रेलवे के सीपीआरओ का कहना है कि पुराने यमुना पुल से कोई खतरा नहीं है। वहीं दूसरी तरफ स्थिति ये है कि यमुना पुल पर परमानेंट दस किलोमीटर का कासन लगाया गया है। इस पुल से जो भी ट्रेन गुजरती है, उसकी स्पीड दस किलोमीटर से अधिक नहीं होती।

फैक्ट फाइल-

- 1865 में हुआ था यमुना पुल का निर्माण

- 2015 में 150 साल का हो गया है अपना यमुना पुल

- जब हुआ था पुल का निर्माण तो गुजरती थी पांच से आठ डिब्बे वाली ट्रेनें

-आज इस पुल से गुजरती है 25 से 30 डिब्बे वाली ट्रेन

-राजधानी, शताब्दी और मालगाड़ी समेत पर डे टोटल करीब 300 ट्रेन दौड़ती हैं 150 साल पुराने यमुना पल पर

-5000 से 5500 टन के लोड के साथ दौड़ती है मालगाड़ी

- डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर योजना के तहत यमुना पुल पर एक नया बनाए जाने का प्रस्ताव है

वर्जन

यमुना पुल 150 साल पुराना जरूर हो गया है। लेकिन, यह असुरक्षित नहीं है। इंजीनियर्स की पूरी टीम यमुना पुल पर नजर रखने और मेंटीनेंस वर्क के लिए लगी है। जहां तक बात इन फ्यूचर खतरे की है, इस तरह का एलार्म इंजीनियर्स और पुल डिपार्टमेंट की ओर से जारी नहीं किया गया है।

विजय कुमार

सीपीआरओ, एनसीआर