मैं समलैंगिक हूं

पार्किंसन के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा,'मैं स्ट्रेट नहीं हूं और यह बात पिछले कुछ दिनों से अपने करीबी लोगों को बता रहा हूं. मैं बहुत पहले अपने सेक्स ओरिएंटेशन के बारे में खुलकर बात करना चाहता था, लेकिन मैं नहीं कर सका. जब मुझसे यह सवाल पहली बार किया गया था तब मैं सिर्फ 16 साल का था. उस समय इसका जवाब देना बेहद कठिन था. अगर मैं सच बताता तो लोग मुझे शक की निगाह से देखते. उन्हें लगता कि मैंने हर बात पर सिर्फ झूठ ही कहा है. अब मैं यह कह सकता हूं कि मैं समलैंगिक हूं'.

डिप्रेशन के शिकार

अपने देश के लिये 5 गोल्ड मेडल जीतने वाले थॉर्प को महज 18 साल की उम्र में अवसाद जैसी बीमारी ने घेर लिया था. थार्प ने बताया,'19वां जन्मदिन मनाने से पहले ही मैं डिप्रेशन से घिर चुका था. अपनी सेक्स ओरिएंटेशन के कारण मैं खुद को दूसरों से भिन्न महसूस करता था. मैं इस बात से बिल्कुल भी नहीं खुश था. मैं जीत तो रहा था लेकिन अंदर से डर लगता था. इसी वजह से मैंने अवसाद की दवाइयां खाना शुरू कर दी थीं. मैंने अपनी इस बीमारी का जिक्र परिवार में भी नहीं किया था. जब दवाइयों से मेरी परेशानी खत्म नहीं हुई तो मैंने शराब का रास्ता चुना'. थार्प ने बताया कि दवाइयों और शराब के कारण वे स्विमिंग पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे थे. वे कई बार प्रैक्टिस में भी हैंगओवर के साथ पहुंचते थे.