इन शुभ मुहूर्त तारीखों में हों सकती हैं शादियां

महीने के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त 8 नवंबर 19 नवंबर 20 नवंबर 23 नवंबर, 1 दिसंबर और 10 दिसंबर तक विवाह के लिए अधिक शुभ मुहूर्त होंगे। पदमनाभा और यू प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है एकादशी व्रत करने से तो की भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता क्योंकि इसी रात्रि में भगवान का स्वर्णकाल आरंभ हो जाता है, जिसे चतुर्मास या चौमासा भी कहा जाता है।

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मन पर रखें नियंत्रण, आ सकते हैं नकारात्मक विचार

भगवान विष्णु की और शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इस चतुर्मास में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। दुर्घटना आत्महत्या आदि जैसी घटनाओं की भी अधिकता हो जाती है। इससे बचने के लिए हमारे मनीषियों ने चतुर्मास में एक ही स्थान पर गुरु यानी ईश्वर की पूजा करने को कहा है। इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मक विचार पैदा ही नहीं होते इसका सबसे अच्छा तरीका है। प्रदोष काल सुबह वा रात्रि का मिलन भगवान सत्यनारायण की कथा या भजन करना चाहिए।

पंडित दीपक पांडेय

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