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- Dainik Jagran-I next के खुलासे के बाद चले RPF के अभियान में मिली बड़ी सफलता

- हमसफर ही नहीं, इधर से गुजरने वाली कई ट्रेंस में चलता है फर्जी ई-कैटरिंग का धंधा

- स्टेशनों के बाहर के होटल से भी ट्रेन में पहुंचता है खाना, पैसेंजर्स को पहुंच सकता है नुकसान

GORAKHPUR: नौ फरवरी को 'रेल में मिलीभगत का खेल' हेडिंग से दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट में पब्लिश न्यूज के बाद मानों एनईआर में भूचाल आ गया है। एक तरफ आरपीएफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है तो दूसरी तरफ लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। रविवार को देश की पहली हमसफर ट्रेन में फर्जी ई-कैटरिंग के खुलासे के बाद सोमवार को यह बात भी सामने आई है कि इस रूट पर चलने वाले अधिकतर ट्रेंस में इस तरह का खेल हो रहा है। यही नहीं, स्टेशनों के बाहर के होटल से भी ट्रेन में खाना पहुंच रहा है, जो पैसेंजर्स के हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। आई नेक्स्ट के खुलासे के बाद आरपीएफ से लेकर रेलवे के कॉमर्शियल विभाग तक में हड़कंप की स्थिति है।

स्टेशन पर अधिकृत होते हैं वेंडर्स

आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) की ओर से बड़े रेलवे स्टेशनों पर ई-कैटरिंग के लिए वेंडर्स अधिकृत किए जाते हैं। लेकिन, ये वेंडर्स स्टेशनों पर ही अधिकृत किए जाते हैं, न कि ट्रेंस में। जबकि सोमवार को जो वेंडर्स पकड़े गए थे, वे हमसफर ट्रेन में पकड़े गए थे। जाहिर है कि जब हाई-फाई हमसफर ट्रेन में अवैध वेंडिंग हो रही है, तो इससे कौन सी ट्रेन बची रह सकती है। इसकी जद में इधर से गुजरने वाली तमाम ट्रेंस हैं।

दो ही वेंडर्स हैं अधिकृत

गोरखपुर में ई-कैटरिंग के लिए आईआरसीटीसी की ओर से दो वेंडर्स अधिकृत किए गए हैं। इसमें पहला डोमिनोज पिज्जा और दूसरा लजीज रेस्टोरेंट शामिल है। इन वेंडर्स द्वारा सप्लाई किया जाने वाला खाना एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया) के मानक पर खरा उतरना चाहिए। लेकिन हमसफर में जो पैकेट पकड़े गए थे, वे इस मानक पर खरे नहीं उतरते।

जंक्शन के बाहर से ले लेते हैं खाना

आरपीएफ की गिरफ्त में आए आईआरसीटीसी के कथित वेंडर्स ने सोमवार को रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने भी इस बात को स्वीकार किया कि वे किसी लीगल वेंडर से नहीं बल्कि गोरखपुर जंक्शन के बाहर स्थित एक होटल से खाना लेकर ट्रेन में पैसेंजर्स को खिलाते थे। इतना ही नहीं पकड़े गए आरोपी रेलवे की ओर से जारी सेकेंड क्लास यात्रा पास पर हमसफर जैसी फ‌र्स्ट क्लास श्रेणी के ट्रेन में खाने की सप्लाई करते थे। हालांकि इसकी जांच के लिए आरपीएफ ने कॉमर्शियल विभाग को बरामद पास भेज दिया है।

दर्जनों होटल व रेस्टोरेंट करते हैं खेल

आईआरसीटीसी के ई-कैटरिंग के नाम पर हो रहे अवैध धंधे में सिटी के दर्जनों होटल व रेस्टोरेंट भी शामिल हैं। पैसेंजर के एक फोन कॉल पर इन होटलों व रेस्टोरेंट के कर्मचारी जंक्शन पर आने वाली ट्रेनों में खाने की सप्लाई करते हैं। इसपर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी रेलवे के कॉमर्शियल विभाग की होती है लेकिन अवैध वेंडिंग पर कोई अंकुश नहीं है।

आरपीएफ व कॉमर्शियल में ठनी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा ट्रेन में अवैध वेंडिंग के खुलासे के बाद आरपीएफ लगातार अभियान चला रहा है। रविवार को हमसफर में फर्जी ई-कैटरिंग का खुलासा इसी अभियान के तहत हुआ। सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर सोमवार की सुबह से ही आरपीएफ व रेलवे के कामर्शियल डिपार्टमेंट में ठन गई। सूत्र बताते हैं कि रविवार की रात से ही इस मामले में आरपीएफ अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। ---------------

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एफएसएसएआई की मान्यता है अनिवार्य

आईआरसीटीसी की ओर से एफएसएसएआई की मान्यता प्राप्त फर्म को ही ई-कैटरिंग के लिए अधिकृत किया जाता है। अधिकृत वेंडर ही ऑनलाइन खाना बुक करने वाले पैसेंजर्स को ट्रेनों में सप्लाई दे सकते हैं। पैसेंजर के मोबाइल पर बुकिंग के टाइम ही वन टाइम ओटीपी कोड भेज दिया जाता है। वेंडर उसी कोड को दिखाकर खाना दे सकता है। इसके अलावा अगर कोई फर्म या वेंडर ट्रेन में आईआरसीटीसी के नाम पर वेंडिंग कर रहे हैं तो वे अवैध हैं। इनपर जीआपी व आरपीएफ को कार्रवाई करना चाहिए।

संदीप दत्ता, पीआरओ, आईआरसीटीसी