सोमवार को भोर से ही शिवालयों के आगे लग गई थी भक्तों की लाइन

बारिश करती रही भक्तों का अभिषेक, भक्तों ने किया भोले का जल और दूध से अभिषेक

ALLAHABAD: सोमवार से ही शुरू हो रहे सावन में इस बार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सुबह से ही भक्तों का रेला शिवालयों की ओर उमड़ पड़ा। लगातार हो रही बारिश के बावजूद भक्तों पर कोई असर नहीं दिख रहा था और वे बम भोले का जयकारा लगाता हुए शिवालय के बाहर लगी लाइन में अपनी बारी का इंतजार करते रहे। जिन जातकों ने पूर्णिमा से व्रत आरंभ किया था, उनके लिए सोमवार से सावन का व्रत भी शुरू हो गया। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं जो काफी महत्व के माने जाते हैं।

भोर से ही होने लगा जलाभिषेक

सोमवार को भगवान शिव को जलाभिषेक की शुरूआत ब्रह्मा मुहुर्त से ही हो गई। लोगों ने घरों में भी कथा पाठ आदि किया। इस दौरान जो व्रत रहे उन्होंने फलाहार और जो नहीं नहीं रहे उन्होंने भी सात्विक आहार ग्रहण किया। भक्तों को पुजारियों ने बताया कि विधिवत श्रावण पूजन से सभी अनिष्ट, अकाल मृत्यु व बाधाओं से मुक्ति मिलती है। जीवन में कुटुंब, धन, धान्य, समस्त सुख समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति भी होती है।

मंदिरों में किए गए रूद्राभिषेक

पर्व के मद्देनजर मनकामेश्वर मंदिर, नागवाशुकी, तक्षकतीर्थ बड़ा शिवाला, निंम्बार्क आश्रम, ऊंचामंडी स्थित बौरहेनाथ मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, सोमेश्वर महादेव, शिवकोटी, अति प्राचीन गंगोली शिवालय आदि में पूजन की विशेष तैयारियां की गई थीं। शिवालयों में रूद्राभिषेक के अलावा विविध धार्मिक अनुष्ठान भी हुये। मनकामेश्वर में भोर में चार बजे मंगला आरती के बाद कपाट खोल दिये गये। प्रभारी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी की अगुवाई में रूद्राभिषेक किया गया। रात्रि 10 बजे गुलाब के फूलों से श्रंगार आरती की गई। शिवकुटी स्थित कोटेश्वर महादेव में चारों प्रहर रूद्राभिषेक का आयोजन किया गया। पुजारी रवि गिरी ने बताया कि दोपहर बाद से भगवान का रूद्राभिषेक शहद से किया गया। मंदिरों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर से फूल, दूध, बेलपत्र, धतूरा जैसी पूजन सामग्री उपलब्ध कराई गई।

रवाना हुये कांवरिये

देश के अलग-अलग स्थानों पर स्थित प्राचीन और प्रसिद्ध शिवालयों की ओर कांवरियों का जत्था रवाना हो गया। इसमें उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन के महाकाल मंदिर, झारखण्ड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम, रांची के पहाड़ी मंदिर, बिहार के हरिहरनाथ मंदिर (सोनपुर), बाबा गरीबनाथ मंदिर (मुजफ्फरपुर), सोमेश्वर मंदिर (मोतिहारी), गुप्तधाम मंदिर (रोहतास), गुजरात के सोमनाथ मंदिर, उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर आदि स्थानो की ओर कांवरिये रवाना हो रहे हैं। इससे प्रमुख राजमार्गो पर जाम की भी स्थिति बनी हुई है।

गुलजार रहे घाट

इलाहाबाद के संगम, दशाश्वमेधघाट, रामघाट, दारागंज, शिवकोटि सहित अनेक गंगाघाटों पर भोर से ही कांवरियों का रेला पहुंचने लगा था। बारिश से बेफिक्र भगवा वस्त्रधारी भक्त व कांवरियों ने स्नान के बाद जल भरकर पंचमुखी महादेव, हनुमत निकेतन, पडि़ला महादेव, भोलेगिरि आदि शिवालयों में जलाभिषेक किया।

अखंड सुहाग की मनोकामना

श्रावण के प्रथम सोमवार पर महिलाओं व युवतियों ने व्रत रखकर भोलेनाथ का पूजन किया। मान्यता है कि जो स्त्रियां यम-नियम से सावन के सोमवार पर व्रत रखकर पूजन करती हैं, भोलेनाथ उनके सुहाग पर आने वाली हर विपत्ति को हर लेते हैं।