क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:कांके रोड का चांदनी चौक शहर का सबसे पॉश और रिहायशी इलाकों में गिना जाता है. यहां शहर के सबसे महंगे रेट पर बिकने वाले अपार्टमेंट्स हैं जहां एक -एक फ्लैट की कीमत एक करोड़ से ऊपर की चल रही है. करोड़ों की कीमत वाले अधिकतर फ्लैट बिक चुके हैं और लोग पूरी फैमिली के साथ रह रहे हैं. नगर निगम के आंकड़ों की मानें तो पूरे इलाके में करीब 10 हजार से अधिक लोगों का बसेरा है जो इन दिनों खासे परेशान हैं. इस रिहायशी इलाके को हाल के दिनों में ग्रहण लग गया है. यहां चौक की सड़क को ही बस अड्डा बना दिया गया है, नतीजन पूरे इलाके में धूल और धुएं का गुब्बार भरा रहता है. दिन भर बस के एजेंटों की अड्डेबाजी चलती रहती है और महिलाओं का सड़क से गुजरना नागवार होता जा रहा है. स्थानीय थाना से शिकायत करने पर कहा जाता है कि नगर निगम का ऑथोराइज्ड बस स्टैंड है. लेकिन यहां बस स्टैंड वाली न तो कोई सुविधा है न किसी तरह की सरकारी हस्तक्षेप. स्टैंड के नाम पर कुछ है तो केवल सड़क, जहां से प्रतिदिन 30 से ज्यादा बसें खुल रही हैं और सैकड़ों पैसेंजर आना-जाना कर रहे हैं.

इन्फास्ट्रक्चर न टिकट काउंटर, सिर्फ वसूली का खेल

नगर निगम ने न तो यहां किसी तरह के बस स्टैंड का स्ट्र्क्चर खड़ा किया है, न कोई टिकट काउंटर बनाया गया है. स्टैंड पर सरकार की तरफ से घोषित किसी तरह की सुविधा की कोई व्यवस्था यहां नहीं की गई है लेकिन इसके बावजूद यहां बस अड्डा चल रहा है. जानकारों की मानें तो इस स्टैंड से प्रतिदिन 15 हजार से ऊपर की वसूली की जा रही है, जिसका हिस्सा रसूखदारों से लेकर स्थानीय थानों तक भी पहुंचाया जा रहा है.

चौक पर ही बिग बाजार का आउटलेट

चांदनी चौक पर बिग बाजार का आउटलेट खुल गया है जहां रोजाना हजारों लोग शॉपिंग करने आते हैं. इनके वाहन भी सड़क के किनारे बनी पार्किग और उसके बाहर खड़े रहते हैं. दूसरी तरफ कब्रिस्तान और उसके दोनों तरफ दुकानें हैं जहां कोई वाहन खड़ा किया ही नहीं जा सकता. ऐसे में शाम ढलने के साथ ही इस चौक पर ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हुई रहती है.

अनहोनी की आशंका, होती है मारपीट

लोगों का कहना है कि सिर्फ रेवेन्यू बढ़ाने के मकसद से नगर निगम ने इस बस स्टैंड की बंदोबस्ती कर दी. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. यहां सिक्योरिटी की उचित व्यवस्था नहीं होने से अनहोनी की आशंका बनी रहती है. हर दिन यहां एजेंटों के बीच मारपीट और गाली-गलौज होती रहती है. महिलाओं और बच्चों को काफी प्रॉब्लम हो रही है.

डेली खुलती हैं 30 बसें

कांके रोड जैसी पॉश कॉलोनी के बीचों बीच स्थित इस बस स्टैंड से हर दिन तकरीबन 30 बसें खुलती हैं. यहां से ज्यादातर बसें पतरातू, भुरकुंडा, रामगढ़ के अलावा हजारीबाग के लिए चलती हैं. इस बस स्टैंड की नगर निगम ने बंदोबस्ती तो कर दी है, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर मुंह फेर लिया है. यहां न तो बस लगाने के लिए कोई व्यवस्था है और न ही यात्री शेड और टॉयलेट. रोड पर ही बसें खड़ी रहती हैं और यात्री भी ऐसे ही हालात में सफर करने को मजबूर हो रहे हैं.

हादसों को न्योता दे रहा बस स्टैंड

चांदनी चौक बस स्टैंड भगवान भरोसे चल रहा है. गनीमत है कि यहां कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है. यहां आड़े- तिरछे रोड पर ही बसें लगी रहती हैं. पैसेंजर्स भी रोड क्रॉसकर ही बस पर उतरने- बैठने के लिए आते- जाते हैं. ऐसे में हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. सामान्य तौर पर बस स्टैंड को पहले डेवलप किया जाता है. यहां बसों व यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसके बाद ही यहां से बसों को संचालन करने की अनुमति दी जाती है. लेकिन, चांदनी चौक बस स्टैंड इससे अछूता है. नगर निगम ने बिना सुविधाएं बहाल किये हड़बड़ी में इस बस स्टैंड को बंदोबस्त कर डाला