विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेस वार्ता में कैंसर रोग विशेषज्ञों ने 'हम' और 'मैं' का बताया महत्व

ALLAHABAD: विश्व में कैंसर की रोकथाम और लोगों को जागरूक करने वाली संस्था यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल ने इस साल जनमानस को जागरूक करने के लिए 'हम कर सकते हैं, मैं कर सकता हूं' नारा दिया है। हम के अन्तर्गत कैंसर से संबंधित संस्थाओं व रोजगार देने वाली संस्थाओं के साथ स्कूलों में जागरूक किए जाने का कार्यक्रम चलेगा तो मैं के जरिए कैंसर की भ्रांति को दूर करने के लिए खुद के भीतर आत्मविश्वास पैदा करना होगा। यह जानकारी शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। बीके मिश्रा व डॉ। आशुतोष गुप्ता ने पत्रकारों को दी।

इलाहाबाद में आठ हजार मरीज

डॉ। आशुतोष गुप्ता ने बताया कि इलाहाबाद में फेफड़े व मुंह के कैंसर से ग्रसित करीब आठ हजार मरीज हैं। उनका इलाज किया जा रहा है। लोगों में यह धारणा है कि कैंसर छूआछूत से होता है, लेकिन यह सिर्फ डर है। खासतौर से तम्बाकू व सिगरेट का सेवन करने वालों को सही समय पर परेशानी बढ़ने पर जानकारी देनी चाहिए ताकि इलाज शुरू करके इसे दूर किया जा सके। डॉ। मिश्रा ने मांग की कि सरकार अलग से बजट बनाकर स्कूल-कालेजों के आसपास जागरूकता कार्यक्रम चलाए। वार्ता में डॉ। गुंजन अग्रवाल व कैंसर रोगी शीतला प्रसाद गुप्ता ने भी भ्रांतियों को दूर करने पर प्रकाश डाला।

एडवांस लैप्रोस्कोपी से होता है इलाज

विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर जीवन ज्योति हॉस्पिटल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। निदेशक डॉ। वंदना बंसल ने बताया कि हॉस्पिटल में एडवांस लैप्रोस्कोपी द्वारा कैंसर के मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके अलावा शुक्राणु व एग बैकिंग के जरिए मरीजों के शुक्राणु व अंडाणु सालों साल तक सुरक्षित रखे जा सकते हैं। ताकि जब मरीज स्वस्थ हों तो दोबारा मां-बाप बनने का सुख हासिल कर सकें।