1 मार्च का दिन है सबसे खास
1 मार्च 2003 को सेंचुरियन में भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्डकप का ग्रुप मैच खेला जा रहा था। इतिहास गवाह है कि वर्ल्डकप में जब-जब भारत-पाक की भिड़ंत हुई, जीत हमेशा भारत के पक्ष में रही। इसी इतिहास को दोहराने टीम इंडिया उस दिन मैदान पर उतरी थी। टॉस हुआ, पाकिस्तान टीम पहले बैटिंग करने आई। पाक के ओपनर बल्लेबाज सईद अनवर ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। अनवर ने 126 गेंदों में 101 रन ठोंक दिए। जिसके चलते पाकिस्तान ने निर्धारित 50 ओवर में 273 रन बनाए। भारत के लिए यह लक्ष्य आसान नहीं था क्योंकि उस वक्त पाक टीम में धुरंधर गेंदबाजों की पूरी फौज थी।
जब सचिन के आउट होने पर भारतीय फैंस ने जमकर बजाईं तालियां,ऐसा था वो मैच
भारत-पाक के बीच हुआ कड़ा मुकाबला
अब बारी थी भारत की बैटिंग की, सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग बैटिंग करने क्रीज पर उतरे। दोनों ने टीम को जबर्दस्त शुरुआत दिलाई। 5 ओवर खत्म होते-होते भारत का स्कोर 50 रन हो चुका था। तभी वकार युनूस ने अफरीदी के हाथों सहवाग को कैच कराकर चलता किया। वीरू सिर्फ 21 रन ही बना सके। अब टीम के कप्तान सौरव गांगुली बल्लेबाजी करने मैदान में आए, पहली ही गेंद खेली जोकि मिस होकर सीधे पैड पर लगी और अंपायर ने गांगुली को एलबीडब्ल्यू आउट दे दिया। लगातार दो विकेट गिरने से भारतीय टीम दबाव में आ गई। मगर सचिन तेंदुलकर एक छोर संभाले थे। उन्होंने तीसरे विकेट के लिए मो. कैफ के साथ करीब 150 रन की पार्टनरशिप की। कैफ ने इस पारी में 35 रन बनाए और शाहिद अफरीदी का शिकार बने।


दो रन से शतक बनाने से चूके सचिन
भारतीय टीम 25 ओवर से पहले ही आधे से ज्यादा रन बना चुकी थी। पाक कप्तान के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रहीं थी। इधर सचिन भी पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। प्लानिंग बदली गई, पाक ने टीम के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को गेंदबाजी पर लगाया और सामने थे सचिन। अख्तर ने सचिन को कई बाउंसर फेंकी एक-दो तो उनके हेलमेट पर भी लगी। इस बीच सचिन भी शतक के करीब आ चुके थे। जैसा कि आपको पता है वनडे इतिहास में अगर कोई बल्लेबाज सबसे ज्यादा बार नर्वस नाइंटीज का शिकार बना है तो वो सचिन तेंदुलकर ही हैं। उस दिन भी किस्मत सचिन के साथ नहीं थी। 98 रन पर अख्तर की गेंद पर सचिन युनूस खान को कैच थमा बैठे।

आउट होते ही जमकर बजी तालियां

अमूमन सचिन के आउट होने पर पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा जाता था। मगर उस दिन ऐसा नहीं हुआ, सचिन 2 रन से अपना शतक बनाने से रह गए थे फिर भी भारतीय फैंस खुश थे। यह खुशी थी सचिन के महान बनने की। जी हां उस दिन तेंदुलकर ने वनडे इतिहास में 12,000 रन का जादुई आंकड़ा जो छू लिया था। इस मुकाम तक पहुंचने वाले वह दुनिया के पहले बल्लेबाज बन चुके थे।

 

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