2002 में खेला गया थे ये चर्चित मैच

कानपुर। भारत बनाम इंग्लैंड के बीच हमेशा से मुकाबला कड़ा रहा है। आज विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया अंग्रेजों का सामना कर रही है, तो कभी सौरव गांगुली ने इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम से टक्कर ली थी और ये लड़ाई भी ऐसी-वैसी नहीं बल्कि शान के लिए लड़ी गई। बात 2002 की है जब विराट नाबालिग थे। टीम इंडिया नेटवेस्ट सीरीज खेलने इंग्लैंड गई थी, फाइनल मैच भारत और इंग्लैंड के बीच 13 जुलाई को लॉर्ड्स में खेला गया। यह मुकाबला भारत ने 3 गेंद शेष रहते जीत लिया। मगर मैच के परिणाम से ज्यादा चर्चा भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की हुई जिन्होंने जीत की खुशी में इंग्लैंड टीम की बेइज्जती कर दी थी।

जब भारत की जीत पर गांगुली ने इंग्लिश खिलाड़ियों की उनके घर पर की थी बेइज्जती

भारत को जीत के लिए चाहिए थे 326 रन

ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, आज से 16 साल पहले क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान पर इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। मार्क ट्रेस्कोथिक (109) और नासिर हुसैन (115) के शानदार शतकों की बदौलत मेजबान इंग्लैंड ने निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 325 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। उस वक्त यह लक्ष्य बहुत बड़ा माना जाता था। खैर भारत की बल्लेबाजी आई कप्तान सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने पहले विकेट के लिए 100 रन जोड़ लिए थे कि, तभी गांगुली 60 रन बनाकर चलते बने। इसके बाद सहवाग भी 45 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए। फिर बल्लेबाजी करने आए दिनेश मोंगिया (9) और सचिन तेंदुलकर (14) भी कुछ खास नहीं कर सके। एक वक्त भारत का स्कोर 146 रन पर पांच विकेट हो गया।

युवराज और कैफ ने जिताया मैच

भारत के ऊपर हार का खतरा मंडराने लगा। इंग्लिश खिलाड़ियों को लगा कि जीत उनके करीब है मगर क्लाइमेक्स तो अभी बाकी था। मैदान पर बल्लेबाजी करने आए युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ जिनकी कुल उम्र ही 40 के आसपास थी। दोनों नए और युवा खिलाड़ियों के ऊपर भारत की इज्जत बचाने का जिम्मा आ गया। उस दिन टीम इंडिया ने बड़े लक्ष्य का पीछा करना सीखा। युवराज-कैफ ने मिलकर 121 रन की साझेदारी कर डाली। युवी जहां 69 रन बनाकर आउट हुए तो वहीं कैफ ने नाबाद 87 रन की पारी खेलकर भारत को तीन गेंद पहले जीत दिला दी।

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गांगुली ने शर्ट उतारकर मनाया जश्न

यह कोई साधारण जीत नहीं बल्कि एक बदला था जो गांगुली एंड टीम ने इंग्लैंड जाकर लिया। दरअसल इंग्लैंड के खिलाड़ी एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने भारत आकर मुंबई के वानखेड़े में टीम इंडिया को हराकर मैदान पर शर्ट उतारकर जश्न मनाया था। बस फिर क्या उस दिन इंग्लैंड में गांगुली को मौका मिल गया, नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल जीतते ही दादा ने लॉर्ड्स की बालकनी में खड़े होकर न सिर्फ टी-शर्ट उतारी बल्कि हवा में लहराई भी। अंग्रेजों की इससे बड़ी बेइज्जती शायद पहले कभी नहीं हुई थी।

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