कानपुर। टेस्ट क्रिकेट का इतिहास सालों पुराना है। यहां रोजाना पुराने रिकॉर्ड टूटते हैं और नए बनते हैं। ऐसा ही एक अनोखा रिकॉर्ड आज से 35 साल पहले भारत में बना था और ये कारनामा करने वाला भी भारतीय बल्लेबाज ही था। टेस्ट क्रिकेट में रन बनाने की रफ्तार हमेशा से धीमी रही। यह खेल पांच दिनों तक चलता है ऐसे में बल्लेबाज आराम से रन बनाते हैं। मगर कुछ बल्लेबाज ऐसे होते हैं जो इतने आराम से बनाते हैं कि नया रिकॉर्ड बन जाता है। ऐसे ही एक भारतीय बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड़ थे। 66 साल के हो चुके गायकवाड़ ने साल 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट का पहला सबसे धीमा दोहरा शतक लगाया था।

पाकिस्तानी गेंदबाजों के छूट गए थे पसीने

क्रिकइन्फो के मुताबिक, 1983 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने भारत आई थी। पहला मैच ड्रा होने के बाद दूसरा टेस्ट जलंधर में खेला गया। टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। पाक की पहली पारी 337 रन पर सिमट गई। भारत को मैच जीतने के लिए पाकिस्तान पर एक बड़ी बढ़त बनानी थी मगर ऐसा हो न सका। टीम के ज्यादातर बल्लेबाज दहाई का अंक छुए बिना पवेलियन लौट गए। मगर एक भारतीय बल्लेबाज ऐसा था जो पिच पर टिका रहा, वो थे दाएं हाथ के बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड़। एक छोर पर विकेट गिर रहे थे मगर गायकवाड़ ने सभी 11 खिलाड़ियों के साथ मिलकर छोटी-छोटी पार्टनरशिप कर दोहरा शतक ठोंक दिया।

11 घंटे बैटिंग कर इस भारतीय बल्लेबाज ने बनाया था सबसे धीमा दोहरा शतक

11 घंटे की बैटिंग

गायकवाड़ की यह डबल सेंचुरी उस वक्त टेस्ट इतिहास की सबसे धीमी पारी थी। अंशुमान ने 200 रन बनाने के लिए कुल 11 घंटे बैटिंग की। इस दौरान उन्होंने 436 गेंदों का सामना किया। अंशुमान के ऊपर उस समय काफी दबाव था। ऐसे में उन्होंने न सिर्फ अपनी पारी को संभाला बल्कि पाकिस्तान द्वारा बनाए 337 रन के जवाब में भारत का स्कोर 374 पर पहुंचाया। खैर यह मैच आखिर में ड्रा रहा मगर गायकवाड़ की यह पारी इतिहास के पन्नों में जरूर दर्ज हो गई।

13 घंटे का है इनका रिकॉर्ड

टेस्ट क्रिकेट में सबसे धीमा दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड श्रीलंका के ब्रेंडन कुरुप्पु के नाम है। साल 1986 में कुरुप्पु ने न्यूजीलैंड के खिलाफ करीब 13 घंटे बैटिंग कर 201 रन बनाए थे। यह पारी खेलने के लिए कुरुप्पु ने 548 गेंदों का सामना किया था। इसके अलावा पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के नाम भी टेस्ट में धीमा दोहरा शतक जड़ने का रिकॉर्ड है। 1996 में सिद्धू ने वेस्टइंडीज के खिलाफ लगभग 11 घंटे ही बैटिंग कर 201 रन बनाए थे।

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