एक्सक्लूविस

-एमएलए ने सीएम को लेटर भेजा, कैबिनेट मिनिस्टर ने आईजीआरएस में उठाया मॉडर्न सिटी का मामला

-कमिश्नर ने केडीए को माडर्न सिटी का प्रपोजल तैयार करने को कहा, अफसर पुरानी फाइलें ढूढने में जुटे

-गंगा पार बैराज-शुक्लागंज रोड के दाहिनी ओर बसाई जानी है, अखिलेश सरकार में तैयार हुआ था प्रोजेक्ट

KANPUR: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही ठंडे बस्ते में चली गई माडर्न सिटी बसने की उम्मीद एक बार फिर जग गई है। गंगा के पार शुक्लागंज साइड प्रपोज्ड इस सिटी को बसाने के लिए कानपुर के एक एमएलए ने सीएम को लेटर भेजा है। इसके बाद कैबिनेट मिनिस्टर के आईजीआरएस पोर्टल पर मामले को उठाने से केडीए अफसरों ने मॉर्डन सिटी की फाइल तलाशनी शुरू कर दी है। कमिश्नर ने भी माडर्न सिटी को लेकर प्रपोजल तैयार करने का केडीए को फरमान सुनाया है।

तैयार हो चुकी है डीपीआर

करीब चार वर्ष पहले चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव के नीदरलैंड दौरे के बाद माडर्न सिटी का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। तत्कालीन केडीए वीसी जयश्री भोज ने गंगा बैराज- शुक्लागंज रोड से गंगा के बीच 1100 हेक्टेयर जमीन पर माडर्न सिटी बसाने का प्रपोजल तैयार कराया। इसमें 50 हजार घर निकलने की उम्मीद जताई गई। इसे केडीए बोर्ड ने भी पास कर दिया था। चीफ मिनिस्टर का ड्रीम प्रोजेक्ट होने की वजह से आनन-फानन रॉयल हॉस्कोनिंग डीएचवी को कंसलटेंट चुना गया। वहीं गंगा के किनारे बंधा बनाने के लिए इरीगेशन से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई गई। उसे 50 लाख रुपए भी केडीए ने दिए। इरीगेशन की तैयार डीपीआर के मुताबिक, बंधे की लागत 303 करोड़ रुपए की थी। इस बीच रॉयल हॉस्कोनिंग मॉडर्न सिटी की डीपीआर तैयार कर केडीए को सौंप दी।

स्वायल टेस्टिंग भी हुई

इरीगेशन के बंधा तैयार करने के अलावा माडर्न सिटी प्रोजेक्ट के स्वॉयल टेस्टिंग भी हो चुकी है। टेक्प्रो कम्पनी ने करीब एक दर्जन स्थानों पर स्वॉयल टेस्टिंग कर रिपोर्ट भी सौंप चुका है। वहीं दूसरी ओर गंगा के किनारे मॉडर्न सिटी होने की वजह से इसके लिए सेंट्रल वाटर कमीशन से एनओसी का प्रॉसेज भी शुरू हो गया था। पर पिछले वर्ष नई गवर्नमेंट बदलने के साथ ही मॉडर्न सिटी की फाइल ठंड बस्ते में चली गई।

कैबिनेट मिनिस्टर के आईजीआरएस में जाने से अफरातफरी

बिल्हौर के बीजेपी एमएलए भगवती सागर ने माडर्न सिटी स्कीम के लिए चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ को लेटर भेजा। जिसमें कानपुर में बढ़ती आबादी के साथ ही समस्याएं बढ़ने का जिक्र करते माडर्न सिटी स्कीम लाएं जाने की मांग की। अब यह लेटर केडीए में आ चुका है। पर केडीए में अफरातफरी कैबिनेट मिनिस्टर सतीश महाना के इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रीड्रेस सेल के जरिए यह मामला उठाने से मची। आनन-फानन टाउन प्लानिंग और इंजीनियरिंग सेक्शन की टीमें धूल फांक रही माडर्न सिटी की फाइलें निकालने में जुट गई। इधर केडीए बोर्ड के चेयरमैन और कमिश्नर सुभाष चन्द्र शर्मा ने केडीए को माडर्न सिटी स्कीम का प्रपोजल तैयार करने को कहा है। इससे एकबार माडर्न सिटी बसने की उम्मीद फिर से जग गई है।

मॉर्डन सिटी प्रोजेक्ट

1100 हेक्टेअर रीक्लेम जमीन पर गंगा पार बसाई जानी है मॉडर्न सिटी

1500 मीटर की दूरी पर है बाएं मार्जिनल बन्ध (गंगा बैराजरोड) से

50 हजार से ज्यादा घर मार्डन सिटी में निकलने की है उम्मीद

303 करोड़ से नया बंधा बनाने को इरीगेशन ने तैयार किया था प्रोजेक्ट

50 लाख रुपए भी इसके लिए इरीगेशन डिपार्टमेंट को दे चुका है केडीए

4 साल पहले रॉयल हॉस्कोनिंग ने तैयार की है मॉडर्न सिटी की डीपीआर