- जिला प्रशासन ने जिले के स्कूलों के प्रबंधक और प्रिंसीपल्स के साथ की बैठक

Meerut : पाकिस्तान में स्कूल पर आंतकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों की सुरक्षा के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रदेश में भी स्कूलों की सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। रविवार को प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश के निर्देश पर जिला प्रशासन ने जिले के स्कूलों के प्रबंधक और प्रिंसीपल्स के साथ बैठक की। बचत भवन में हुई बैठक में स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सुझाव व निर्देश दिए गए।

सीसीटीवी लगाएं

इसमें डीएम पंकज यादव और एसएसपी ओंकार सिंह ने संयुक्त रूप से शैक्षणिक संस्थानों को अपने संसाधन से परिसर में प्राइवेट सुरक्षा गार्ड तैनात करने और सीसी टीवी कैमरे लगाने को कहा। साथ ही इन कैमरों को संबंधित थाने के कंट्रोल रूम से लिंक करने का भी प्रस्ताव रखा। स्कूलों में आंतकी घटना घटने पर किस तरह से बचाव करें, उसके लिए बच्चों, शिक्षकों को ट्रेनिंग देने पर सहमति बनी। स्कूलों ने भी जिला प्रशासन को कई सुझाव दिए। बैठक का संचालन एडीएम सिटी एसके दूबे ने किया। बैठक में एडीएम सिटी समेत ¨हदी माध्यम और अंग्रेजी माध्यम से निजी व सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल व प्रबंधक भी मौजूद रहे।

स्कूलों को दिए गए निर्देश

- स्कूल परिसर में प्राइवेट सुरक्षा गार्ड लगाएं।

- परिसर के प्रमुख स्थलों पर सीसी टीवी कैमरा लगाएं।

- प्राइवेट ट्रांसपोर्ट में लगे लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन कराएं।

- स्कूल प्रवेश व निकलने वाले स्थान पर अतिरिक्त चौकसी रखें।

- स्कूल में सभी का प्रवेश, परिचय सुनिश्चित करने के बाद ही करें।

- कोई भी संदिग्ध या अनहोनी हो तो पुलिस को सूचना दें।

- अभिभावकों से बच्चों की सुरक्षा को लेकर बैठक करें।

अभिभावकों को सुझाव

- अगर अपने बच्चे को प्राइवेट ट्रांसपोर्ट से भेजते हैं, तो संबंधित आटो या टैक्सी चालक का नाम, पता, फोटो, रख लें। संभव तो पुलिस का वेरिफिकेशन भी करा लें।

पुलिस प्रशासन को निर्देश

सभी शैक्षणिक संस्थानों के निकट सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए, पिकेट व्यवस्था, पेट्रोलिंग, गश्त बढ़ाने व संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ली जाए। संवेदनशील स्थलों पर पुलिस व्यवस्था का प्रबंध सुनिश्चित किया जाए।

कोचिंग संस्थानों पर भी पैनी नजर

जिलाधिकारी की मीटिंग में कुछ प्रधानाचायरें ने कोचिंग संस्थानों की अराजकता को लेकर भी सवाल उठाया, उन्होंने कहा कि कई घटनाएं कोचिंग संस्थानों में हो रही है। कोचिंग संस्थानों में छात्रों का नाम के अलावा कोई पता नहीं होता है। इस पर डीएम ने जिले के सभी कोचिंग संस्थानों का सत्यापन संबंधित थाने से कराने के लिए कहा।