फैक्ट फाइल
एक नजर एसआरएन
1000 बेड
3000 मरीज रोज आते हैं
50 मरीज एडमिट होते हैं रोज
01 दर्जन से अधिक मरीज आते हैं एंबुलेंस पर
-एसआरएन हॉस्पिटल रोड पर सीवर लाइन डालने से रोजाना लग रहा जाम
-एक घंटे में तय हो रहा है दो सौ मीटर का सफर
-सांसत में है मरीजों की जान, कॉलेज प्रशासन ने की जल्द काम खत्म कराए जाने की मांग
ALLAHABAD:
दिन: गुरुवार
समय: 1.50 बजे दोपहर
प्लेस: महात्मा गांधी मार्ग से एसआरएन हॉस्पिटल गेट
दूरी: 150 से 200 मीटर
तय करने में लगने वाला समय: दो से चार मिनट
लेकिन समय लग गया: 1 घंटा
जी हां, आपने जो भी पढ़ा यह पूरी तरह से सच है। एक एंबुलेंस जाम में फंसी थी और परिजन जल्दी हॉस्पिटल ले जाने की बात कर रहे थे। रोड पर सीवर लाइन डालने के काम के चलते एक सप्ताह से यही स्थिति बनी हुई है। इसके चलते मरीज, परिजन सहित हॉस्पिटल स्टाफ परेशान हो चुका है।
कभी भी हो सकता है हादसा
एक सप्ताह से दो सौ मीटर लंबी रोड पर सीवर लाइन डालने और रोड चौड़ीकरण का काम चल रहा है। इसके चलते सुबह से शाम तक जबरदस्त जाम लग रहा है। गुरुवार को भी यही स्थिति रही। गंभीर मरीजों को लाने वाली एंबुलेंस बार-बार इस जाम में फंसती रहीं। गुरुवार को फंसी एंबुलेंस को एक घंटे लग गए हॉस्पिटल कैंपस तक पहुंचने में। ऐसे में परिजनों की हालत खराब हो गई। वह ड्राइवर से बार-बार हॉस्पिटल पहुंचने की गुहार लगाते रहे। ऐसे में अगर किसी मरीज के साथ हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
रोजाना आते हैं तीन हजार मरीज
बता दें कि एसआरएन हॉस्पिटल मंडल का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है। यहां रोजाना तीन हजार नए मरीज एंट्री करते हैं। इसके अलावा पचास से अधिक मरीजों को भर्ती किया जाता है। तकरीबन एक दर्जन मरीज एंबुलेंस के जरिए आनन-फानन में लाए जाते हैं। ऐसे में सड़क पर लगने वाला भीषण जाम इनकी जान का दुश्मन बना हुआ है। हॉस्पिटल प्रशासन ने भी प्रशासन से रोड पर सीवर लाइन डालने का काम जल्द खत्म कराने की मांग की है।
एक सप्ताह से सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। रोजाना एंबुलेंस फंस रही है। हमारी अपील है कि संबंधित विभाग जितनी जल्दी हो सके काम पूरा करे। इससे मरीजों को दिक्कत न हो। मरीज और परिजन इससे काफी परेशान हैं।
-प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज
डॉक्टर्स को हॉस्पिटल पहुंचने और निकलने के लिए साउथ मलाका वाली गली का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। इस गली से केवल बाइक निकल सकती है। तीन या चार पहिया वाहन नहीं निकल सकते। फिलहाल उस गली से निकलना काफी मुश्किल हो गया है।
-डॉ। संतोष सिंह, प्रवक्ता, सर्जरी विभाग