-13वीं सिल्वीकल्चरल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत

-29 राज्यों के 350 पार्टिसिपेंट कर रहे पार्टिसिपेट

DEHRADUN : राज्यपाल डा। अजीज कुरैशी ने कहा है कि मनुष्य जीवन का वनों से गहरा नाता रहा है। आज वानिकी संबंधी समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान व संतुलित दोहन किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सीमांत पहाड़ी राज्य में पलायन को रोकने के लिए फॉरेस्ट्री आधारित जीविका के अवसर लाभदायक हो सकते हैं। अधिकारियों को इस पर योजनाएं बनानी होंगे। मंडे को राज्यपाल बतौर चीफ गेस्ट एफआरआई के ऑडिटोरियम में क्फ्वें सिल्वीकल्चरल कॉन्फ्रेंस के इनॉगरेशन पर बोल रहे थे।

एक लोगो भी वट वृक्ष पर जारी किया

इस कॉन्फ्रेंस में ख्9 राज्यों के ख्फ्भ्0 पार्टिसिपेंट पार्टिसिपेट कर रहे हैं। इस मौके पर संगठित वानिकी सेवा के क्भ्0 साल पूरे होने पर आयोजित इस गोष्ठी में राज्यपाल ने एक लोगो भी वट वृक्ष पर जारी किया। वहीं डाक विभाग द्वारा तैयार विशेष आवरण चित्र का लोकार्पण एवं स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

कई अधिकारी मौजूद रहे

इस मौके पर तमाम गणमान्यों व विशेषज्ञों की मौजूद में आईसीएफआरआई के डायरेक्टर जनरल डा। अश्रि्वनी कुमार ने फॉरेस्ट मैनेजमेंट, वन उत्पादकता की वृद्धि, रिमोट सेंसिंग व बायो-डायवर्सिटी आदि के उपयोग पर बल दिया। एफआरआई के डायरेक्टर डा। पीपी भोजवैद सहित कई अधिकारी मौजूद थे।