- पांच वर्षीय मत्स्य पालन के लिए पोखरों की नीलामी से एक करोड़ 10 लाख रुपए की आय

BANSGAON: जिले में मत्स्य पालन के प्रति लोगों में रूचि बढ़ी है। इसी का नतीजा है कि बांसगांव तहसील में रविवार को मत्स्य पालन के लिए तालाब/पोखरों की नीलामी से सरकार को एक करोड़ 10 लाख रुपए की आय हुई है। जबकि अभी कई गांवों में नीलामी नहीं हो पाई है। यदि उन गांवों में भी नीलामी प्रक्रिया पूरी हो जाती है तब यह आय और अधिक होगी।

लाखों में बोली

गांवों में पोखरों की बोली लाखों रुपए में लगाई गई हैं। नीलामी अधिकारी/नायब तहसीलदार ने बताया कि पांच वर्षीय मत्स्य पालन के लिए पोखरों की बोली लगी है। ग्राम साईंताल में स्थित पोखरा संख्या 63 ख रकबा 0-360 हेक्टेयर की नीलामी में गांव के रामचंद्र पुत्र वंशराज ने 8 लाख 1 हजार रुपये के वार्षिक दर पर सर्वोच्च बोली लगाई। इसी गांव के पोखरा संख्या 210 रकबा 619 हेक्टेयर के लिये गांव की सुधा देवी पत्‍‌नी रामखुशी ने भी 8 लाख 2 हजार रुपये की अधिकतम बोली लगाई।

महिलाएं भी आगे

बोली लगाने वालों में महिलाएं भी आगे रहीं। ग्राम बासूडीहा में पोखरी संख्या 406 रकबा 906 हेक्टेयर के लिये गांव की ईशरावती पत्‍‌नी चन्द्रिका ने अधिकतम वार्षिक बोली दो लाख रुपए लगाई। ग्राम टेंगरी में पोखरा संख्या 142 ख रकबा 1-524 हे0 के लिये पवन कुमार पुत्र रामनाथ ने 5 लाख 49 हजार 999 रुपये की वार्षिक दर से सर्वोच्च बोली लगाई।

इन गांवों में नहीं हुई नीलामी

रविवार को हुई नीलामी प्रक्रिया में ग्राम उंचेर, मझवा, विषुनपुर, जगदीशपुर भलुआन में स्थित पोखरों की नीलामी नहीं हो सकी। इनके लिए कोई भी आवेदक बोली में भाग लेने के लिये उपस्थित नहीं हो सका। वहीं ग्राम कलानी और भीटी में स्थित पोखरों की नीलामी प्रक्रिया 29 मार्च को पूरी की जाएगी।

पंचवर्षीय योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए पोखरे नीलाम किए जा रहे हैं। वार्षिक बोली लगाई गई। इससे एक करोड से अधिक की आय हुई है। अभी कुछ जगहों की नीलामी बाकी है।

दिग्विजय सिंह, नायब तहसीलदार