-दुमका में 186 प्रधानों की मौजूदगी में गोपीकांदर में हुई मोड़े मांझी की बैठक में फैसला

-पुलिस ने मिर्गी आने पर डूबने से मौत घोषित कर दिया था ग्रामीणों ने खोज निकाले हत्यारोपित

-आरोपितों के पास से मृतक के कपड़े भी बरामद, सात जून को झरना के पास मिला था शव

दुमका : जिस हत्याकांड को पुलिस ने मिर्गी का नाम देकर रफा दफा कर दिया, उस कांड का गोपीकांदर के प्रधानों ने न सिर्फ खुलासा कर दिया, बल्कि हत्या में शामिल चार आरोपितों को पकड़ भी लिया। हत्यारों के पास से मृतक के कपड़े भी बरामद हुए। रविवार को शुरू हुई मोड़े मांझी (आदिवासियों की पंचायत) की बैठक में शामिल 186 प्रधानों ने सभी चार आरोपितों पर 25-25 लाख (कुल एक करोड़) का जुर्माना लगाया।

जुर्माना अदा नहीं करने तक आरोपित उनके कब्जे में रहेंगे। बैठक के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस भी मौजूद थी लेकिन सभी काफी दूरी बनाए हुए थे। प्राथमिकी लिखाने के दौरान मृतक की मां को डांटने वाले कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष ज्योतिष बास्की की तलाश में ग्रामीण उसके घर सुरजूडीह गए लेकिन वह पुलिस के बिना वहां जाने के लिए तैयार नहीं हुआ।

समाचार लिखे जाने तक दो आरोपित शिवलाल हेम्ब्रम 40 हजार और कोलम हेम्ब्रम 45 हजार रुपया जुर्माना देने के लिए तैयार भी हुए लेकिन प्रधान ने इतना कम जुर्माना लेने से मना कर दिया। सभी आरोपित फैसला होने तक प्रधानों के कब्जे में ही रहेंगे। ग्रामीण पुलिस की कार्यशैली से भी नाराज हैं। इसलिए पंचायत की सूचना की जानकारी होने के बाद भी पुलिस बैठक से करीब 500 मीटर दूर ही रही।

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क्या है पूरा मामला :

गोपीकांदर के कुड़ंबा गांव का 32 वर्षीय महेंद्र हांसदा 05 जून को लापता हो गया। मां भोगामती मरांडी व पिता टुनुक हेम्ब्रम ने काफी तलाश की लेकिन पता नहीं चला। 07 जून को महेंद्र का शव काता झरना में मिला। मां हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराने गई। पुलिस ने उससे सादे कागज पर अंगूठा करा लिया और लिख दिया कि महेंद्र की मौत मिर्गी के कारण पानी में डूबने से हो गई। ग्रामीणों को इस बात पर शक हुआ कि महेंद्र को मिर्गी की बीमारी थी नहीं तो कैसे उसकी इस बीमारी से मौत हो गई। ग्रामीणों ने तफ्तीश की तो घटनास्थल पर खून देखा। शक के आधार पर लुखीराम किस्कू और नीरज भंडारी से पूछताछ की। पूछताछ में दोनों ने हत्या की बात स्वीकार की और ग्रामीणों को मृतक का खून लगा कपड़ा भी दे दिया। हत्यारों ने हत्या में शामिल कोलम हेम्ब्रम और शिवलाल हेम्ब्रम का नाम भी बता दिया। इसके बाद सभापति सुनील हांसदा, उपसभापति पवन हांसदा, सचिव जोसेफ हांसदा और जार्ज लुईस हेम्ब्रम की अध्यक्षता में 186 प्रधानों की मोड़े मांझी की बैठक बुलाई गई।

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क्यों हुई थी महेंद्र की हत्या :

कोलम हेम्ब्रम की बेटी और महेंद्र में पति-पत्नी का रिश्ता था। बेटी उसके साथ ससुराल में रहती थी। अनबन के बाद दोनों आदिवासी परंपरा के अनुसार अलग हो गए। बेटी ने महेंद्र को सबक सिखाने की चेतावनी दी थी। कोलम ने महेंद्र को धमकी दी थी। सबक सिखाने के इरादे से कोलम ने गांव के तीन लोगों की मदद से उसे मौत के घाट उतार दिया।

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