- स्पेशल डे पर किचन संभालने वाली महिलाओं को मिली एक दिन की छुट्टी

- आई नेक्स्ट के साथ मिलकर फैमिली मेंबर्स ने वुमंस डे को बनाया खास

GORAKHPUR : दिन के चौबीस घंटों में से 15 घंटे से ज्यादा किचन में वक्त बिताने वाली वुमंस के लिए सोमवार का दिन काफी खास था। साल के 365 दिन अपनी फैमिली का पेट भरने के लिए इंतजाम कर उफ तक न करने वाली यह महिलाएं सोमवार को छुट्टी पर थीं। सुबह आंख खुलते ही चुल्हा-चौका संभाल लेने और रात में बंद होने से पहले किचन से ही बाहर आने वाली इन महिलाओं के कदम रसोई तक नहीं पहुंच सके थे। इन्हें यह मौका दिया था उनके अपनों ने जिन्हें यह अहसास था कि एक आवाज पर हर डिमांड पूरी करने वाली वाली वह मां, पत्‍‌नी बिना रुके और थके लगातार उनके लिए जिए जा रही है। पूरी दिन अपनी फैमिली की पेट-पूजा का इंतजाम करने के बाद आराम के लिए उसे महज चंद घंटे ही मिल पाते हैं। वुमंस डे पर आई नेक्स्ट के सहयोग से जब उन्हें पूरे दिन की छुट्टी मिली तो उनकी आंखें खुशी के आंसुओं से छलक उठीं। उनका कहना था कि भले ही उन्हें रेस्ट के लिए चंद घंटे ही मिलें हों, लेकिन इसे प्यार से भरपूर छुट्टी से उनकी पूरे साल की थकान दूर हो गई।

फैमिली मेंबर्स ने हाथों से कराया फलाहार

सिटी के मैत्रीपुरम की रहने वाली कुमकुम सिंह की खुशी रोके नहीं रुक रही थी। हो भी क्यों न, उनकी फैमिली ने उन्हें मुस्कुराने की एक वजह जो दे दी थी। काफी दिनों बार छुट्टी पर अपने घर आई रत्‍‌ना ने पापा सुधीर सिंह और भाई विष्णु विक्रम सिंह के साथ मिलकर उन्हें एक दिन की छुट्टी देने का प्रोग्राम सेट किया। सुबह उठने के बाद किचन की ओर ही बेटी रत्‍‌ना ने उन्हें किचन में ही नहीं घुसने दिया। शिवरात्री का व्रत होने की वजह से नाश्ते के दौरान सुधीर सिंह ने अपने हाथों से फलाहार कराया। इसके बाद बेटी और बेटे ने भी मां को खास तोहफा देते हुए पापा का साथ दिया। दिन भर किचन में जूझने वाली मां को उन्होंने किचन में जाने ही नहीं दिया। बच्चों ने व्रत का खाना भी खुद ही प्रिपेयर किया और अपने हाथों से मां को खिलाया। इस दौरान कुमकुम ने कई बार किचन में घुसने की कोशिश की, लेकिन अपनी फैमिली के सामने उनकी एक न चली और उन्हें न चाहते हुए भी अपनी फैमिली के लिए खुशी के लिए उनकी बात मनानी पड़ी।

मैगी ही खा लो मम्मा

क्लास 8 में पढ़ने वाले सौरभ जायसवाल और 4वीं तनुश्री जायसवाल ने भी अपनी मम्मा को वुमंस डे पर खास तोहफा दिया। नाश्ता बनाने के लिए जब मां ने किचन का रुख किया था, उनके बच्चों ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। पढ़ाई में मशगूल सौरभ ने जैसे ही मां को किचन में जाते देखा तो पढ़ाई छोड़कर किचन की ओर दौड़ पड़ा। साथ-साथ तनु भी उसके पीछे हो ली। दोनों ने मिलकर मम्मा को डायनिंग टेबल पर बिठाया और कहा कि आज आपकी किचन से छुट्टी है। आपको जो खाना है, बताइए। नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा कि जो खिला दो खा लेंगे। इसके बाद सौरभ और तनु किचन में पहुंचे और अलमारी में रखी मैगी निकाली। सौरभ ने इसे बनाया और उसके बाद तनु ने अपनी मां को अपने हाथों से मैगी खिलाई। मां के लिए यह पल इतना खास था कि उनकी आंखें भर आई। इसके बाद दोनों ने मिलकर चाय बनाई और पापा से कहकर खाना बाहर से ही मंगवाया। इस तरह मां को उन्होंने पूरे दिन की छुट्टी दी। नन्हें हाथों के इस प्यार को मां नीलम जायसवाल ने बखुशी कबूल किया।