JAMSHEDPUR: बिहार के गया से लौट रही महारानी ट्रैवल्स की बस एनएच-33 पर ईचागढ़ थाना क्षेत्र के नागासेरेंग ब्रिज के पास अनियंत्रित होकर 20 फीट गहरे गड्डे में गिर गई। इससे बस सवार लोग बुरी तरह घायल हो गये। दुर्घटना में कपाली निवासी हरि चौधरी 65 की मौत हो गई जबकि एक दर्जन यात्री घायल हो गये। मौका पाकर चालक और खलासी मौके से भाग निकले। सूचना पर पहुंची चांडिल पुलिस ने घायल यात्रियों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से गंभीर मरीजों को एमजीएम अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। यात्रियों ने बताया कि चालक शराब के नशे में बार-बरी आंखें बंद कर रहा था। जिससे यह दुर्घटना हुई।

रविवार की रात खुली थी

गाड़ी संख्या बी आर टू क्यू 1751 गया से रविवार रात सवा आठ बजे टाटानगर के लिए खुली थी। चालक बस को रफ्तार में चला रहा था, जिसके कारण बस तीन बार रास्ते में दूसरी गाडि़यों से टकराते-टकराते बची। जिसे देखकर बस में बैठे यात्रियों ने हंगामा कर कम रफ्तार से चलाने को कहा। लेकिन शराब के नशे में धुत चालक ने यात्रियों की नहीं सुनी और तेज बस चलाता रहा। सोमवार की रात करीब तीन बजे बस जैसे ही नागाशोरेन ब्रिज के समीप पहुंची तभी चालक को छपकी आ गई जिससे बस अनियंत्रित होकर ब्रिज से नीचे गिर गई। बस के गढ्डे में गिरते ही बस में सोए यात्रियों की नींद खुल गई और जिन यात्रियों को चोट लगी थी उनकी चीत्कार क्षेत्र में गूंज रही थी। यात्रियों ने बताया कि बस का आधा हिस्सा पानी और आधा बाहर बस में करीब 50-60 यात्री सवार थे। सभी बस की खिड़की का शीशा तोड़कर बाहर निकले।

क्रेन से निकाली गई बॉडी

बस में सफर कर रहे कपाली निवासी हरि चौधरी का पता नहीं लगने पर उसकी तलाश की गई। मोबाइल से जब बस के अंदर देखा तो हरि चौधरी बुरी तरह फंसे हुए थे और दर्द से तड़प रहे थे। लेकिन उन्हें निकालने में देर होने की वजह से घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। फिर क्रेन की मदद से हरि चौधरी को रस्सी से बांध कर बस से बाहर खींचा गया।

यह हुए घायल

बोधगया निवासी नौशाद आलम, मानगो निवासी सुनीता देवी, पूजा कुमारी, दिलीप कुमार, अमर कुमार सिन्हा,बारीडीह निवासी जितेंद्र कुमार सहित अन्य यात्री घायल हुए।

नाना व पिता सोए थे सीट पर

घायल पूजा कुमारी ने बताया कि उनके नाना हरि चौधरी व पिता दिलीप चौधरी दोनों गहरी नींद में सोए थे और वह और मां सुनीता देवी स्लीपर में सोई हुई थी। रात करीब 3 बजे के समय अचानक तेज आवाज के साथ बस हवा में उछल गई और पलट गई। बस के पलटने से बस में यात्रियों की चीख निकलने लगी। उसे भी गंभीर चोट लगी। फिर धीरे धीरे बस के खिड़की का शीशा तोड़कर यात्री बाहर निकलने लगे। अंधेरा होने के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। कुछ यात्री अपना मोबाइल का टार्च जलाकर देख रहे थे और बस के अंदर फंसे यात्रियों को निकालने में मदद कर रहे थे।